केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस अधिकारियों की कार्यकाल नीति में कई तरह के बदलाव किए हैं। एनआईए में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस (IPS) अधिकारियों को अधिकतम सात वर्ष तक की सेवा का मौका मिल सकता है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस अधिकारियों की कार्यकाल नीति में कई तरह के बदलाव किए हैं। एनआईए में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले आईपीएस (IPS) अधिकारियों को अधिकतम सात वर्ष तक की सेवा का मौका मिल सकता है। विशेष योग्यता के धनी, जिन अफसरों का कार्य सराहनीय रहा है, उन्हें अधिकतम कार्यकाल के अधीन तीन वर्ष तक का सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
अब सेवा विस्तार की अवधि को घटाकर दो वर्ष कर दिया गया है। साथ ही एनआईए (NIA) की प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया में जो अहम बदलाव हुआ है, उसमें अब केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Ministry) डीआईजी (DIG) स्तर तक के अधिकारियों के कार्यकाल विस्तार की फाइल को अनुशंसा देंगे। इसके बाद आईजी (IG) एवं उससे ऊपर वाले अफसरों की फाइल को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा अनुशंसा प्रदान की जाएगी।
भारत सरकार के ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति’, सचिवालय द्वारा पिछले सप्ताह ही उक्त आदेश जारी किया गया है। मौजूदा व्यवस्था के तहत जिन आईपीएस (IPS) अधिकारियों को एनआईए (NIA) में प्रतिनियुक्त किया जाता है, उन्हें कुछ विशेष शर्तों के साथ तीन वर्ष का सेवा विस्तार मिल सकता है।
जैसे, प्रतिनियुक्ति पर आए आईपीएस (IPS) अधिकारियों में उस संगठन में काम करने की विशेष योग्यता पाई गई हो, उनकी प्रतिधारण क्षमता को सार्वजनिक हित में माना जाता हो, ऐसे में उन्हें सामान्य कार्यकाल के अलावा अधिकतम कार्यकाल यानी सात वर्ष के अधीन ही 3 वर्ष तक के कार्यकाल की अनुमति दी जा सकती है।
अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। उक्त योग्यताएं पूरी करने वाले आईपीएस (IPS) को अधिकतम कार्यकाल के अधीन सामान्य कार्यकाल के अलावा 2 साल तक के कार्यकाल विस्तार की अनुमति दी जा सकती है। पहले आईपीएस (IPS) अधिकारियों के लिए यह कार्यकाल तीन वर्ष का था।
आईपीएस (IPS) अधिकारियों को सेवा विस्तार देने के लिए अनुशंसा कौन देगा, इसमें भी बदलाव किया गया है। अभी जो व्यवस्था है, उसमें एनआईए (NIA) में नियुक्त अधिकारियों के कार्यकाल में विस्तार किए जाने प्रस्तावों पर केंद्रीय गृह सचिव, विशेष सचिव (IS) और डीजी एनआईए (NIA) की एक समिति द्वारा विचार किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) में संबंधित संयुक्त सचिव उक्त समिति के संयोजक के रूप में कार्य करता है। समिति की अनुशंसा को ‘एसीसी’ (ACC) के अनुमोदन के लिए भेजा जाता है।
अब इस प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। एनआईए (NIA) में नियुक्त अधिकारियों के कार्यकाल में विस्तार करने के प्रस्तावों पर केंद्रीय गृह सचिव, विशेष सचिव (IS) और डीजी एनआईए ( DG NIA) की एक समिति द्वारा विचार किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) में संबंधित संयुक्त सचिव उक्त समिति के संयोजक के रूप में कार्य करेंगे। समिति की अनुशंसा के लिए डीआईजी स्तर तक के अधिकारियों की फाइल केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Ministry) के पास जाएगी। यानी केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Ministry) , सेवा विस्तार की फाइल को अनुशंसा देंगे। एनआईए में आईजी (IG) तथा उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों के सेवा विस्तार वाली फाइल को ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति’ के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।