भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा निर्णय लिया है। खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि, ये फैसला खिलाड़ियों के विरोध के बाद लिया गया है। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
नई दिल्ली। भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा निर्णय लिया है। खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि, ये फैसला खिलाड़ियों के विरोध के बाद लिया गया है। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। सरकार ने अब इसे सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी गई है।
रिपोर्ट की माने तो, खेल मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है, WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए फैसले पूरी तरह से नियमों के खिलाफ हैं और WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं। इन फैसलों से नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता से रहित हैं निष्पक्ष खेल, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन महत्वपूर्ण है। एथलीटों, हितधारकों और जनता के बीच विश्वास बनाना महत्वपूर्ण है।
साक्षी मलिका ने उठाया था सवाल
बता दें कि, कुश्ती से संन्यास लेने के बाद साक्षी मलिक ने जूनियर नेशनल के गोंडा में होने वाले आयोजन पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि, मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फ़ोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख़ से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फ़ैसला लिया है। गोंडा बृजभूषण का इलाक़ा है। अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी। क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? क्या समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं।