मोदी सरकार ने केंद्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की मंगलवार को सुरक्षा वापस ले ली है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय Z कैटेगरी की सुरक्षा दी थी। बता दें कि कानून राज्य मंत्री को बीजेपी ने करहल से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्हें 10 मार्च तक ही Z कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (Union Minister of State for Law) एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) की मंगलवार को सुरक्षा वापस ले ली है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के समय Z कैटेगरी की सुरक्षा (Z category security) दी थी। बता दें कि कानून राज्य मंत्री को बीजेपी ने करहल से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्हें 10 मार्च तक ही Z कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी।
अखिलेश यादव ने एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) को 67504 वोटों से हरा दिया था। बता दें कि एसपी सिंह बघेल की सुरक्षा उनके काफिले पर हमले के बाद बढ़ाई गई थी। इससे पहले बघेल को Y प्लस श्रेणी सुरक्षा मिली हुई थी।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) प्रचार करके लौट रहे थे, इसी दौरान अतीकुल्लापुर गांव के पास पत्थरों और लाठियों से उनके काफिले पर हमला कर दिया गया था। बताया जाता है कि पहले से घात लगाए लोगों ने खेतों से उनके काफिले पर ईंट-पत्थर की बारिश कर दी और फिर वहां से फरार हो गए। इस हमले में मंत्री को कुछ नहीं हुआ था, लेकिन गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा था। इस घटना के बाद भाजपा ने चुनाव आयोग का भी दरवाजा खटखटाया था।
एसपी सिंह बघेल(SP Singh Baghel) इस वक्त भाजपा में हैं। वह आगरा से सांसद और केंद्र में कानून एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं, लेकिन एक समय में ये उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक भी हुआ करते थे। जब समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सुरक्षा में तैनात रहे। फिर नौकरी छोड़ राजनीति में आ गए। हालांकि, एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel) के राजनीति की संक्षिप्त शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से हुई, लेकिन यह लंबा नहीं चला और जल्द ही वो सपा में शामिल हो गए और काफी समय तक टिके रहे।