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यूपी के रामराज्य पर बड़ा सवाल, पुलिस कस्टड़ी हो रही हत्याओं से क्या आप नहीं हैं चिंतित?

यूपी में हाल के महीनों में पुलिस कस्टड़ी में जिस तरह दो सफेदपोश माफियाओं सहित कई गुंडों की हत्या हुई है जो कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगा रही है? राजधानी लखनऊ में कोर्ट परिसर के अंदर गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस वारदात के बाद पुलिस सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। यूपी में हाल के महीनों में पुलिस कस्टड़ी में जिस तरह दो सफेदपोश माफियाओं सहित कई गुंडों की हत्या हुई है जो कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगा रही है? राजधानी लखनऊ में कोर्ट परिसर के अंदर गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस वारदात के बाद पुलिस सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए। हत्यारा वकील की ड्रेस में कोर्ट के अंदर पहुंचा और वारदात को अंजाम दिया। इससे पहले 15 अप्रैल को माफिया अतकी अहमद और उसके भाई अशरफ को भी इसी अंदाज में तीन हत्यारों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। उस घटना के दौरान भी हत्यारे पत्रकार के वेश में आए थे।

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हाल ही के दिनों में वकील व पत्रकार बनकर हत्याएं की जा रही हैं। मानो हत्या करने वाले को पहले से पता हो कि पुलिस उन पर कोई भी जवाबी कारवाही नहीं करेगी। संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को लेकर बताया जाता है कि उसको अधिकांशतः प्रशासन बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ लाती थी फिर अचानक कल उसने जैकेट क्यों नहीं पहना रखी थी? दूसरी बात जब अपराधी जीवा पर गोली चलाई जा रही थी तो उसकी सुरक्षा में मुस्तैद सिपाही ने जवाबी फायरिंग नही की और तो और शूटर को वकीलों ने ही पकड़ा था।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को क्या हो गया है कि कभी पत्रकार तो कभी वकील के भेष में आये तथाकथित हत्यारे बड़ी ही आसानी से अपने टारगेट को पुलिस की मौजूदगी में शिकार बना लें रहे है,जबकि दोनों मौकों पर पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रहती है। ऐसे यूपी पुलिस की कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा करती है।

मरने वाला कुख्यात अपराधी है इससे कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता है अगर वो अपने गुनाहों की सजा काट रहा है तो उसको दण्ड देने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ न्यायालय को है न कि कोई भी पत्रकार या वकील के भेष इन आकर हत्या करके चला जाये। हाल की दिनों में सफेदपोश व दुर्दान्त माफियाओं की पुलिस की मौजूदगी में हत्या होना यूपी पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।

सूत्रों ने बताया ये सभी हत्यारे युवा व नशेड़ी प्रवृत्ति के बताए जा रहे हैं। यूपी पुलिस का एक ग्रुप तैयार करके रखा है। सूत्रों का कहना है कि इनको सिर्फ यह बताया जाता है कि अमुक व्यक्ति की हत्या करना है। उन्हें बाकायदा ​हथियार मुहैया करवाकर व भविष्य सुरक्षित बताकर ऐसी जघन्य हत्याएं धड़ल्ले से करवाई जा रही हैं। जबकि यह सभ्य समाज के लिए यह प्रयोग एक कलंक ही है। एक अपराधी को खत्म करने के लिए नए अपराधियों की पौध तैयार की जा रही है। जिसके परिणाम आने वाले दिनों के लिए बहुत भयानक होंगे।

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राज्यसभा सांसद कपिल  सिब्बल ने कहा कि अमित जी क्या आप चिंतित नहीं हैं? हम हैं!

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने गुरुवार को ट्वीट कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसा है। सवाल दागा है कि कैसे और क्यों? कपिल सिब्बल ने कहा कि यूपी में पुलिस हिरासत में (2017-2022) में 41 लोगों की मौत हुई है। सिब्बल ने कहा कि हाल ही में लखनऊ कोर्ट में पुलिस कस्टडी में जीवा की गोली मारकर हत्या। प्रयागराज में पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या। तिहाड़ में टुल्लू ताजपुरिया की गोली मारकर हत्या। सिब्बल ने कहा कि अमित जी क्या आप चिंतित नहीं हैं? हम हैं!

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