बिहार की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) ने बीते साल जाति आधारित सर्वेक्षण कराया था। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका भी दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार से कहा कि जाति सर्वेक्षण (Caste Survey) का डेटा ब्रेकअप सार्वजनिक किया जाए।
पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) ने बीते साल जाति आधारित सर्वेक्षण कराया था। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका भी दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार से कहा कि जाति सर्वेक्षण (Caste Survey) का डेटा ब्रेकअप सार्वजनिक किया जाए। इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 जनवरी को होगी।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण (Caste Survey) का डेटा जनता को उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर कोर्ट चिंतित है। अगर कोई व्यक्ति सर्वेक्षण के किसी विशेष निष्कर्ष को चुनौती देना चाहता है तो उसके पास सर्वेक्षण का डेटा होना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। बीते 2 अगस्त, 2023 को हाईकोर्ट में पारित आदेश में बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखा गया था। हाईकोर्ट में जाति-आधारित सर्वेक्षण के फैसले को चुनौती दी गई थी।
बता दें कि अक्तूबर, 2023 में बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव (Chief Secretary in charge of Bihar Government) विवेक सिंह (Vivek Singh)ने जाति सर्वे की रिपोर्ट आंशिक रूप से जारी किए थे। इसके अनुसार, बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है।
बिहार की कुल आबादी, कितने लोगों पर हुआ सर्वेक्षण?
214 जातियों को अलावा 215वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की कुल आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या छह करोड़ 11 लाख है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं।
बिहार में 81.99 प्रतिशत हैं हिंदू
बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82 प्रतिशत हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7 फीसदी है। शेष ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया।
जाति सर्वेक्षण से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि बिहार में जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की पार्टी सरकार में थी, तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने राज्य में जाति आधारित गणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। 1 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में जाति आधारित गणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।