बिकरु कांड भला कौन भूल सकता है ये उत्तर प्रदेश में घटी वो घटना थी जिससे पूरा प्रदेश कांप गया था। विकास दूबे नामक अपराधी और उन के गूर्गो ने मिलकर आठ पुलिस वालो की कर हत्या कर दी थी। हालांकि घटना के कुछ दिनों बाद ही विकास ने आत्मसमर्पण कर दिया था। और वो पुलिस एंकाउंटर में मारा गया था।
लखनऊ। बिकरु कांड भला कौन भूल सकता है ये उत्तर प्रदेश में घटी वो घटना थी जिससे पूरा प्रदेश कांप गया था। विकास दूबे नामक अपराधी और उन के गूर्गो ने मिलकर आठ पुलिस वालो की कर हत्या कर दी थी। हालांकि घटना के कुछ दिनों बाद ही विकास ने आत्मसमर्पण कर दिया था। और वो पुलिस एंकाउंटर में मारा गया था। इस घटना ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी थी।
और उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी इस घटना के बाद भारी दबाव था। राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लाजिमी थे। इस घटना के एक वर्ष पूरे हो गये हैं। पूरे एक साल बीतने पर विकास दूबे की पत्नी ऋचा दूबे मीडिया से मुखातिब हुई। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। मीडिया से उन्होंने कहा कि हमारे परिवार को लगातार परेशान किया जा रहा है। हमारा कोई काम नहीं हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई बंद हो रही है, पैसे खत्म हो रहे हैं। गहने बेच कर घर चलाना पड़ रहा है।
ऋचा ने कहा कि पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे का एक साल बाद भी डेथ सर्टीफिकेट नहीं बना है। उसके पिता का नाम पोस्टमार्टम की पर्ची में गलत होने से अंतिम संस्कार की पर्ची में भी गलत नाम चढ़ा। इस वजह से नगर निगम ने सर्टीफिकेट बनाने से मना कर दिया। इस वजह से हमें बीमा के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो योगी जी से मांग करती हूं कि मेरे परिवार को इच्छा मृत्यु का आदेश दे दिया जाए। ऋचा ने कहा कि मुख्यमंत्री तो पूरे प्रदेश के होते हैं लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है। ऋचा ने कहा विकास ने जिन पुलिस वालों को मारा उनके साथ मैं खड़ी हूं।
मैंनें कभी भी उन परिवार के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन हमारी भी तो कोई सुने। विकास की पत्नी ने कहा विकास ने गलत काम किया तो उसकी सजा उसे मिल गई, हम लोगाें को क्यों परेशान किया जा रहा है। एनकाउंटर में विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया था। पोस्टमार्टम में पिता का नाम राम कुमार की जगह राजकुमार दर्ज हो गया। इसके कारण श्मसान घाट से उसके अंतिम संस्कार की पर्ची में भी यही नाम चढ़ गया।
उस पर्ची के आधार पर ही नगर निगम में डेथ सर्टीफिकेट बनता है। नगर निगम ने जब रिकॉर्ड देखा तो पर्ची और रिकॉर्ड में दर्ज नाम मैच नहीं किया। इससे सर्टीफिकेट बनाने से मना कर दिया गया। विकास की पत्नी ऋचा दुबे ने इस खामी को ठीक कराने के लिए पोस्टमार्टम, नगर निगम सब जगह सम्पर्क किया, मगर कुछ नहीं हो सका। इस पर्ची का नंबर 1847/20 है।