नई दिल्ली: मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु दशरथ अचर बिहारी, आपको याद है 1987-88 के वो रविवार और सुबह 9 बजे का समय जब न केवल लोगों के कदम रुक जाया करते थे बल्कि रेल तथा बसों के भी पहिये रूक जाते थे। क्योकि लोग भगवान राम के दर्शन करने का तनिक भी लाभ गवाना नहीं चाहते थे।
आपको बता दें, यहां बात की जा रही है उस समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धार्मिक और पौराणिक विषय पर आधारित धारावाहिक ’रामायण’ की। जिसमें भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता के ‘दूर से दर्शन’ कर श्रद्धालु लोग अभिभूत हो जाया करते थे।
इतना ही नहीं जब रामायण धारावाहिक के प्रसारित होने का समय होता तो सड़कों पर ऐसा महसूस होता जैसे कर्फ्यू लग गया हो। धारावाहिक में भगवान राम का किरदार अभिनेता अरूण गोविल ने निभाया था, और इस तरह अपने आपको प्रस्तुत किया की लोग उन्ही में भगवान राम की छवि देखने लगे।
12 जनवरी 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्म लेने वाले अरूण गोविल को जितनी लोकप्रियता रामायण धारावाहिक से मिली, उतनी न तो अन्य धारावाहिकों से मिली और न ही किसी फिल्म से।
अब भले ही रामायण धारावाहिक नहीं दिखता हो लेकिन अरूण गोविल की छवि आज भी राम के रूप में लोगों के दिलो दिमाग पर बनी हुई है। जब भी रामायण का जिक्र आता है, अरूण गोविल ही भगवान राम के रूप में सामने आ जाते है, गोविल आज 58 साल के हो गए है।
उन्होंने अपने करियर में कई सारी फिल्मो और टीवी सीरियल्स में काम किया लेकिन लोग उन्हें उन किरदारों में स्वीकार ही नहीं पाये। क्योकि लोग उनमे भगवान राम को देखते थे। ऐसे में किसी और किरदार में अरुण गोविल को देखना दर्शको को नहीं भाया।