उन्नाव जिले की पुरवा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी विधायक अनिल सिंह ने गुरुवार को प्रमुख सचिव (लोक निमार्ण विभाग) को पत्र लिखकर मुख्यालय पर तैनात बिरेन्द्र यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव व ओम प्रकाश पटेल, प्रधान लिपिक वर्ष 2003 से एक ही प्रकार के पटल क्रमश: व्यवस्थापन क (सहायक अभियन्ता) वर्ग तथा कोष/बजट-क वर्गों में तैनात हैं।
लखनऊ। उन्नाव जिले की पुरवा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी विधायक अनिल सिंह ने गुरुवार को प्रमुख सचिव (लोक निमार्ण विभाग) को पत्र लिखकर मुख्यालय पर तैनात बिरेन्द्र यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव व ओम प्रकाश पटेल, प्रधान लिपिक वर्ष 2003 से एक ही प्रकार के पटल क्रमश: व्यवस्थापन क (सहायक अभियन्ता) वर्ग तथा कोष/बजट-क वर्गों में तैनात हैं। जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति को अन्तर्गत चलाये रहें अभियान के विपरीत निम्न कारणों से लोक निर्माण विभाग में लगातार भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को लांघते चले जा रहें है। इनको निलम्बित करते हुये इनके संगे सबंधियों की भी आय से अधिक सम्पित्ति की जांच कराने का कष्ट करें।
शिकायती प्रकरण में मुख्य कारण व विवरण निम्नलिखित है। पहला अधिकारियों के क्लास 1 व क्लास 2 तथा बजट के पटल /वर्ग पर लगभग 21 वर्षों से तैनात रहना ट्रांसफर नीति व पटल परिवर्तन के नियमों का घोर उल्लघंन किया जा रहा है।
दूसरा राज्य सरकार एवं भारत सरकार की नीतियों का मुख्यरता से इन भ्रष्टाचारी बाबुओं द्वारा सरकारी सेवकों की आचरण नियमावली के विरूद्ध जाकर अपने कर्तत्वों का घोर उल्लंघन किया गया है (साक्ष्य संलग्न)। तीसरा इन बाबुओं द्वारा अपने चहेते अधिकारियों को मनमर्जी के अनुसार ठेकेदारों से सांठ-गांठ कराकर मुख्यालय के अधिकारियों को मिलाकर फील्ड में तैनाती के नाम पर ठेकेदारों से मोटी रकम अधिकारियों को पोस्ट कराकर भ्रष्टाचार कराया जा रहा है। उदाहरण स्वरूप वर्ष 2022 में अधिकारियों के ट्रांसफर देख रहे प्रमुख अभियना (विकास) विभागाध्यक्ष को निलम्बित किया गया, लेकिन अधिष्ठान वर्ग में तैनात बिरेन्द्र यादव एवं वीरेन्द्र कुमार यादव।। को निलम्बित नहीं किया गया, जबकि आईएएस की जॉच कमेटी में दोष सिद्ध पाये जाने पर मात्र तत्कालीन प्रमुख अभियन्ता को निलम्बित किया गया, ये दोनों आज भी इसी वर्ग में दबंगई से तैनात है। इन बाबुओं को बिना किसी जांच की आवयकता के तत्काल निलम्बत किया जायेगा।
चौथा ओम प्रकाश पटेल, प्रधान सहायक का कोष वर्ग से प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण किया गया था, परन्तु दोबारा भी यह बाबू कोष वर्ग में गोरखपुर से वापस ज्वाइन किया और 19 वर्ष कोष वर्ग में तैनात रहा। अब बजट-क वर्ग में तैनात होकर कार्यकारी खण्डों से पूरे बजट का 10 प्रतिशत उच्चाधिकारियों के नाम पर खुल में वसूल कर रहा है। इसकी समयावधि में कोष वर्ग के अन्तर्गत कराये गये भुगतान व समस्त वित्तीय मामलों के लेन-देन की जाँच कराई जाये।
पांचवा अनुसूचित जाति की महिला पदाधिकारी का उत्पीडन करके बलात्कार कर, उसकी हत्या करने विषयक नियमित वचार्ज एसोएिशन के अध्यक्ष भारत सिंह यादव द्वारा लिखा गया है, जिसमें बिरेन्द्र यादव, शिव कुमार यादव, सुनील कुमार याद एवं ओम प्रकाश पटेल कर्मचारी मुख्य है। इसकी भी विशेष जांच कराई जानी अनिवार्य है। साथ ही साथ यह भी अवगत कराना है कि इन कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर सरकार की छवि को बाराब करने, सरकार विरोधी गतिविधियों संलिप्त रहने का कार्य एवं अपने संधीय पदों का इस्तेमाल करके विभिन्न पटलों पर भाजपा विधायकों के पत्रों को अवरोधित करने का भी कार्य किया जा रहा है, ताकि विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो और प्रतिनिधियों एवं सरकार की छवि धूमिल हो।
अतः यह आवश्यक है कि ऐसे बाबुओं का तत्काल निलम्बन कराया जाये। प्रतिलिपि प्रमुख अभियन्ता (विकास) विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ को उक्त संवेदनशील शिकायतों का संज्ञान लेकर तत्काल तीनों बाबुओं को निलम्बित कराने। विधायक अनिल सिंह ने लिखा कि साथ ही आय से अधिक सम्पत्ति की जांच किये जाने संबंधी आदेश पारित कर अधोहस्ताक्षरी को सूचित करने का कष्ट करें।