यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने शनिवार को महापंचायत बुलाई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Bhartiya Kisan Union's National President Naresh Tikait) ने कहा कि महापंचायत में पगड़ी के अपमान का मुद्दा उठाया जाएगा।
मुजफ्फरनगर : यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने शनिवार को महापंचायत बुलाई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Bhartiya Kisan Union’s National President Naresh Tikait) ने कहा कि महापंचायत में पगड़ी के अपमान का मुद्दा उठाया जाएगा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा चल रही है और X पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का नाम भी ट्रेंडिंग में है।
जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
मामला यह है कि पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के विरोध में शुक्रवार को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के टाउन हॉल ग्राउंड में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया था। इसमें हिंदू संगठनों के लोग शामिल थे। रैली के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग मैदान में जुटे थे।
लोगों ने किया टिकैत का विरोध
खबरों के मुताबिक, जब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) रैली में पहुंचे तो कुछ लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इसके पीछे वजह यह बताई गई थी कि राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के बड़े भाई नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने बयान दिया था कि पाकिस्तान का पानी रोकना ठीक नहीं है और भारत और पाकिस्तान के किसान एक हैं। इस बयान से लोग नाराज थे। इस वजह से रैली में अच्छा-खासा हंगामा हो गया था। इसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे।
राकेश टिकैत की पगड़ी गिरने से आक्रोश
किसान नेताओं का आरोप था कि इस दौरान राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के सिर पर किसी ने झंडा मार दिया। इसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई और इसी दौरान राकेश टिकैत की पगड़ी गिर गई। इससे वहां मौजूद लोग उत्तेजित हो गए लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने हालात को संभाला।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को देखते ही लोगों ने नारेबाजी भी की। लोगों के हाथों में भगवा और तिरंगा झंडा था। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यह पूरी घटना एक तरह से सोची-समझी साजिश थी। अगर वे कामयाब हो जाते तो शायद उन्हें मार देते। यही उनका मकसद था। किसान नेता ने कहा कि पुलिस-प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करे।
घटना को लेकर नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा, कि हम अनुशासित लोग हैं। हम किसी से डरते नहीं हैं। हमारी पगड़ी पर हमला हुआ है। अगर बात नहीं बनी तो हम खुद पगड़ी उतार कर रख देंगे। यह परीक्षा की घड़ी है। किसानों और मजदूरों के मान-सम्मान को ठेस पहुंची है।