यूपी के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस वे पर 2 सीटर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। बता दें कि हरियाणा से अलीगढ़ जा रहा था प्राइवेट कंपनी का 2 सीटर हेलीकॉप्टर, पायलट ने कुशलता का परिचय देते हुए सुरक्षित यमुना एक्सप्रेस वे पर हेलीकॉप्टर को उतारा गया। हेलीकॉप्टर, देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। हेलीकॉप्टर को नौहझील थाना क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस वे 72माइल स्टोन के पास उतरा गया।
मथुरा। यूपी के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस वे पर 2 सीटर हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। बता दें कि हरियाणा से अलीगढ़ जा रहा था प्राइवेट कंपनी का 2 सीटर हेलीकॉप्टर, पायलट ने कुशलता का परिचय देते हुए सुरक्षित यमुना एक्सप्रेस वे पर हेलीकॉप्टर को उतारा गया। हेलीकॉप्टर, देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। हेलीकॉप्टर को नौहझील थाना क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस वे 72माइल स्टोन के पास उतरा गया।
विमान की आपातकालीन लैंडिंग के लिए दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन कुछ देर के लिए रोक दिया गया। हालांकि लैंडिंग के बाद आवागमन शुरू कर दिया गया। विमान के पायलट और को-पायटल सुरक्षित हैं। यमुना एक्सप्रेस पर थाना नौहझील के निकट उस समय कौतूहल पैदा हो गया, जब एक निजी विमान की आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। दो सीट वाले विमान में कोई तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर यह लैंडिंग कराई गई।
इससे पहले एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन पुलिस ने रोक दिया। सकुशल लैंडिंग होने से पायलट और को-पायलट सुरक्षित हैं। बताया जाता है कि इस विमान ने अलीगढ़ से उड़ान भरी थी और यह नारनौल जा रहा था। विमान की लैंडिंग की सूचना के बाद आसपास के गांवों के लोग यमुना एक्सप्रेसवे पर पहुंच गए। एक्सप्रेसवे कर्मचारियों ने लोगों को विमान के पास जाने से रोका।
खास है यमुना एक्सप्रेसवे
यमुना एक्सप्रेसवे पर इससे पहले लड़ाकू विमान उतारे जा चुके हैं। दरअसल, यह पूरा एक्सप्रेसवे सीमेंट और कंकरीट से बना है। इसका आधार भी इतना मजबूत है कि यह एक ही स्थान पर 20 टन से ज्यादा का दबाव सह सकता है, जबकि लड़ाकू विमान का वजन इसके आधे से भी कम होता है। यह एक के बाद एक कई विमानों का दबाव सहने की स्थिति में है। इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे दोनों तरफ से कटीले तार से घिरा हुआ है। इससे किसी जानवर या अन्य के अचानक सड़क पर आने की संभावना भी नहीं है। विमानों की लैंडिंग के लिए जो सबसे अहम होता है, वह रनवे का समतल और अवरोधविहीन होना। यमुना एक्सप्रेसवे इस मायने में भी खरा है। टोल प्लाजा वाले स्थानों को छोड़कर लंबी दूरी तक यह समतल है। इससे जमीन पर उतरने के बाद विमान असंतुलित नहीं हो सकता।
खेरिया और हिंडन के लिए बेहतर विकल्प
रोड रनवे का प्रयोग इमरजेंसी लैंडिंग के लिए ही होता है। इस सफल परीक्षण के बाद खेरिया और हिंडन स्थित एयरपोर्ट के प्रबंधन को भविष्य में काफी सहूलियत मिल सकती है। यह दोनों एयरपोर्ट एयरफोर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। यहां विमानों का ट्रैफिक ज्यादा रहता है। ऐसे में इमरजेंसी के वक्त रनवे के रूप में विमानों की लैंडिंग के लिए इन दोनों एयरपोर्ट के प्रबंधन के पास यह बेहतर विकल्प होगा।