ग्रह मडल में बुध ग्रह को राजकुमार कहा जाता है। बुध ग्रह का शुभ प्रभाव जातक को सफलता के शीर्ष पर पंहुचा देता है।
Budh Ka Raashi Rarivartan : ग्रह मडल में बुध ग्रह को राजकुमार कहा जाता है। बुध ग्रह का शुभ प्रभाव जातक को सफलता के शीर्ष पर पंहुचा देता है। कुंडली में बुध के प्रभाव से जातक की संवाद शैली कुशल होती है। वह हाज़िर जवाबी होता है। व्यक्ति अपनी बातों से सबको मोह लेता है। बली बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। बुध, हमारी प्रज्ञा के देवता हैं। बुद्धि और क़ारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना की जाती है। धार्मिक दृष्टि से बुध देव वृद्धि और समृद्धि देने वाले देव माने गए हैं।
बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
त्रिग्रही योग बन रहा
बुध ग्रह 19 दिन अर्थात् 24 मार्च तक कुंभ राशि में रहेगा। इस दौरान 6 मार्च से 14 मार्च तक कुंभ राशि में सूर्य के साथ युति करने से बुधादित्य योग भी बनेगा। 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में चले जाने के कारण बुधादित्य योग समाप्त हो जाएगा। सूर्य के साथ बुधादित्य बनने से कुछ राशि के लोगों के मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कुंभ राशि में इस समय सूर्य और बुध के साथ-साथ गुरु भी स्थित है। इस तरह ये त्रिग्रही योग बन रहा है।
वाणी का लाभ प्राप्त होगा
बुध शनि की राशि कुंभ में है। शनि के साथ बुध सम व्यवहार करता है। इसका अर्थ यह हुआ कि बुध के इस गोचर का सभी पर शुभ प्रभाव ही होने वाला है। वाणी का लाभ प्राप्त होगा। बौद्धिक कार्यों में उन्नति प्राप्त होगी।
धन लाभ के योग बन सकते हैं
हर दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें। गायों को हरा चारा खिलाएं। पक्षियों की सेवा करें। पेड़-पौधों की देखभाल करें।
जिनकी कुंडली में बुध जन्मकालिक वक्री हो वे किसी योग्य ज्योतिषी से पूछकर पन्ना या फिरोजा धारण करें।
किसी किन्नर को हरी साड़ी और हरी चूड़ियां भेंट करें और उससे एक रुपए का सिक्का लेकर अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रख लें। इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं।