अनंत चतुर्दशी 2021 भगवान विष्णु को समर्पित है और उनकी पूजा करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। संस्कृत में अनंत का अर्थ है शाश्वत या अंतहीन। यह शुभ दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, यह शुभ दिन मनाया जाता है। इस वर्ष,
अनंत चतुर्दशी 2021 भगवान विष्णु को समर्पित है और उनकी पूजा करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। संस्कृत में अनंत का अर्थ है शाश्वत या अंतहीन। यह शुभ दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, यह शुभ दिन मनाया जाता है। इस वर्ष,
Ganesh Visarjan 2021: ‘गणपति बप्पा’ रविवार 19 सिंतबर को अनंत चतुदर्शी (Anant Chatudarshi) पर विदा हो जाएंगे। सुबह से ही गणेश विसर्जन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बैंड-बाजों की धुन के साथ भक्त अगले साल गणेश जी (Ganesh ji) के फिर आगमन की कामना को लेकर बप्पा को विदाई
नई दिल्ली: जीवन सुख-दुख का संगम है और हमें अपने जीवन में कई तरह की मुश्किलें और सुख देखना पड़ता है। भगवान ने किसी को बहुत अमीर बनाया है तो किसी को अत्यंत निर्धन लेकिन फिर भी हर किसी के मन में धन की लालसा है। धन है तो सब कुछ
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष को लेकर काफी मान्यताएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देते हैं जिससे हमारे जीवन के सभी दुख एवं कष्ट दूर हो जाते हैं।
पंचांग • रविवार, 19 सितंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – भाद्रपद अमंत मास – भाद्रपद तिथि शुक्ल पक्ष चतुर्दशी – 19 सितंबर 06:00 पूर्वाह्न – 20 सितंबर 05:28 पूर्वाह्न शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – 20 सितंबर 05:28 पूर्वाह्न – 21 सितंबर 05:24 पूर्वाह्न
मेष राशिफल कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। किसी मित्र के साथ घूमने जाएंगे। अनजान लोगों से सावधान रहें। रिश्तेदारों से मुलाकात हो सकती है। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी। प्रेमी जोड़े आज उतावलापन दिखाने से बचें। आज शुभ समाचार मिल सकता है। आर्थिक लाभ के फिलहाल योग नहीं। कर्ज
Astrology: भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह तरह के उपाय करते हैं। शनिवार को विशेष तौर पर भक्त भगवान शनि को पूजा करते हैं। दरअसल, भगवान शनि के प्रभाव से रंग भी राजा बन जाता है। वहीं, शनि देव का अशुभ प्रभाव पड़ा तो कोई भी राजा
नई दिल्ली: एक वर्ष में 24 चतुर्दशी होती है। दरअसल, तीन चतुर्दशियों का महत्व है- अनंत, नरक और वैंकुंठ। अनंत चतुर्दशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में आती है। डोल ग्यारस के बाद अनंत चतुर्दशी और उसके बाद पूर्णिमा। इस बार अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर को मनाई जा रही है। इस तिथि
मेष राशिफल आज का दिन अच्छा रहेगा। रिश्तेदारों और मित्रों से काफी दिनों बाद मुलाकात होगी। नौकरीपेशा लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। कर्ज से मुक्ति मिलने की उम्मीद है। किसी से व्यर्थ में विवाद न करें। अपनी निजी जानकारी किसी को भी
पंचांग • शुक्रवार, 18 सितंबर, 2020 विक्रम संवत – 2077, प्रमादी शक संवत – 1942, सरवरिक पूर्णिमांत – अश्विनी अमंता मास – अश्विनी तिथि शुक्ल पक्ष प्रतिपदा – 17 सितंबर 04:30 अपराह्न – 18 सितंबर 12:50 अपराह्न शुक्ल पक्ष द्वितीया – 18 सितंबर 12:50 अपराह्न – 19 सितंबर 09:10 पूर्वाह्न
नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के बाद से पूरे 10 दिन गणपति पूजा (Ganpati Puja) होती है। अधिकांश लोग अनंत चौदस या अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) तक गणपति (Ganpati ) की स्थापना करते हैं और फिर विसर्जन करते हैं। जिस दिन बप्पा विसर्जित होते हैं वो दिन हरि को
लखनऊ। 17 सितंबर शुक्रवार से सूर्य देव (sun) कन्या राशि (Kanya rashi )में प्रवेश कर गए हैं। इस समय मंगल भी कन्या राशि (Virgo sun sign) में विराजमान हैं। सूर्य और मंगल (sun and mars) के एक ही राशि यानी कन्या राशि में होने से कुछ राशियों को शुभ फल
पंचांग • शुक्रवार, 17 सितंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – भाद्रपद अमंत मास – भाद्रपद तिथि शुक्ल पक्ष एकादशी – 16 सितंबर 09:36 पूर्वाह्न – 17 सितंबर 08:08 पूर्वाह्न शुक्ल पक्ष द्वादशी – 17 सितंबर 08:08 पूर्वाह्न – 18 सितंबर 06:54 पूर्वाह्न
मेष राशिफल आज आपको खुशखबरी मिलेगी। पुराने मित्रों से काफी दिनों बाद मुलाकात हो सकती है। संतान पक्ष से लाभ होगा। नए काम के लिए योजना बनाने के लिए आज का दिन काफी अच्छा है। मन में नकारात्मक विचार न आने दें। शारीरिक कष्ट हो सकता है। मानसिक उलझन बढ़ेगी।
शनि प्रदोष व्रत: प्रदोष व्रत शिव उपासना के उत्तम माना जाता है। यह व्रत तब अत्यन्त फलदायी हो जाता है जब शनिवार का दिन हो। जब त्रयोदशी तिथि के साथ शनिवार का दिन भी हो तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। भाद्रपद मास का अंतिम प्रदोष व्रत 18 सितंबर