लखनऊ: जीवन में वैभव पाने के लिए लोग तरह तरह के उपाय करते है। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ मां संतोषी की भी पूजा की जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार 23 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि है। शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के
लखनऊ: जीवन में वैभव पाने के लिए लोग तरह तरह के उपाय करते है। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ मां संतोषी की भी पूजा की जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार 23 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि है। शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के
Ashadha Purnima 2021: हिंदू धार्मिक धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और शनिवार, 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। हिन्दू मान्यता के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा पर स्नान करने
मेष राशिफल आज स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आपको कर्ज की रकम वापस मिल सकती है। आज मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। कार्यस्थल पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। किसी को उधार न दें। सगे संबंधियों की मदद करेंगे। धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेंगे। पास की जगह यात्रा पर जा
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व होता है। इस मास में श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन मास में सोमवार के व्रत का भी खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय मास होता है।
पंचांग • गुरुवार, 22 जुलाई, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद, शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – आषाढ़: अमंत मास – आषाढ़ तिथि शुक्ल पक्ष त्रयोदशी – 21 जुलाई 04:26 अपराह्न – 22 जुलाई 01:33 अपराह्न शुक्ल पक्ष चतुर्दशी – 22 जुलाई 01:33 अपराह्न – 23 जुलाई 10:43 पूर्वाह्न
उत्तर प्रदेश: इस्लामिक उपदेशकों के सबसे शुभ त्योहारों में से एक, बकरीद पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के त्योहार के लगभग दो महीने बाद मनाई जाती है बकरीद। यह त्योहार मुसलमानों का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि यह दिन मवेशियों की बलि का
मेष राशिफल व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए नई योजना बनाएंगे। सगे संबंधियों की ओर से शुभ सूचना मिलेगी। जोखिम न लें। किसी काम को नहीं टालें। किसी जिम्मेदारी को टालने से बचें। दिनचर्या में परिवर्तन लाना होगा। परिवार की समस्या का समाधान होगा। सावधानी से बातचीत करें। धन लाभ
पंचांग • बुधवार, 21 जुलाई, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद, शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – आषाढ़: अमंत मास – आषाढ़ तिथि शुक्ल पक्ष द्वादशी – 20 जुलाई 07:17 अपराह्न – 21 जुलाई 04:26 अपराह्न शुक्ल पक्ष त्रयोदशी – 21 जुलाई 04:26 अपराह्न – 22 जुलाई 01:33 अपराह्न
लखनऊ: हिन्दू पंचांग अनुसार प्रत्येक वर्ष के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। वर्ष 2021 में ये तिथि 20 जुलाई, मंगलवार के दिन पड़ेगी। इस बार यह एकादशी कुछ विशेष है। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ देव सो जाएंगे
लखनऊ। मंगलवार को सूर्योदय के समय अनुराधा नक्षत्र व चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है। सूर्य भी कर्क राशि में व शनि मकर में हैं। शेष ग्रह स्थितियां पूर्ववत हैं। चन्द्रमा का वृश्चिक राशि में गोचर मेष व कर्क के जातकों को लाभान्वित करेगा। मिथुन व कुंभ राशि के जातक व्यवसाय
पंचांग • मंगलवार, 20 जुलाई, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद शाका संवत – 1943, प्लावा पूर्णिमा – अश्वधा अमांता माह – अश्वमेध तिथी सुंडला पक्ष एकादशी – जुलाई 19 10:00 बजे- जुलाई 20 07:17 PM सुकला पक्ष द्वादशी- जुलाई 20 07:17 PM- जुलाई 21 04:26 PM नक्षत्र अनुराधा –
लखनऊ: सोमवार भगवान शिव को समर्पित है। सोम यानी चंद्रमा का दिन। इसी के नाम से सप्ताह के शुरुआती दिन को सोमवार भी कहा जाता है। सोम को अमृत कहा जाता है क्योंकि वह कभी नष्ट नहीं होता अर्थात सोम ऊर्जा है। इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के
मेष राशिफल आज का दिन आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। आपके रूके हुए कार्य पूरे होंगे। खुश रहेंगे। परिवार के लोगों के साथ घूमने जा सकते हैं। युवाओं को नौकरी मिल सकती है। आप जरूरतमंदों की मदद कर पाएंगे। आपकी वजह से कई लोगों के काम पूरे करेंगे। सम्मान मिलेगा।
पंचांग • सोमवार, 19 जुलाई, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनंद, शक संवत – 1943, प्लावस पूर्णिमांत – आषाढ़: अमंत मास – आषाढ़ तिथि शुक्ल पक्ष दशमी – जुलाई 19 12:29 पूर्वाह्न – जुलाई 19 10:00 अपराह्न शुक्ल पक्ष एकादशी – जुलाई 19 10:00 अपराह्न – जुलाई 20 07:17 अपराह्न
श्रावण मास 2021: सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। हर तरफ शिवालयों में हर हर, बम बम ,जय भोलेनाथ की ध्वनि गूंजती है। सावन भोलेनाथ का प्रिय महीना है। सम्पूर्ण ब्रह्मांड शिव के अंदर समाया हुआ है। जब कुछ नहीं था तब भी शिव थे । जब