HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक

रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक

देश में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है। बता दें के कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज इसका उपयोग करते हैं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है। बता दें के कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज इसका उपयोग करते हैं।

पढ़ें :- India Won U-19 Women's Asia Cup : भारतीय महिला अंडर-19 टीम ने जीता एशिया कप, बांग्लादेश को 76 रनों पर किया ढेर

कोरोना के मामले अचानक से बढ़ने से इसके स्टॉक में भारी कमी आ गई है, जिसके कारण सरकार को इस तरह के फैसले लेने पड़े हैं। वहीं सरकार ने कहा कि आने वाले दिनों में रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है और डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स घरेलू निर्माताओं के साथ संपर्क में है ताकि रेमडेसिविर के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।

सरकार में देश में हालात सुधरने तक के लिए इस रोक का ऐलान किया है। बीते कुछ दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी। ऐसे में सरकार का यह फैसला अहम है। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में 11 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और इसके चलते इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस मांग में और इजाफा हो सकता है। ऐसे में सरकार ने भविष्य की चुनौतियों ने से निपटने के लिए इंजेक्शन के एक्सपोर्ट पर रोक का फैसला लिया है।

एक्सपोर्ट पर रोक का यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम नहीं जाती। सरकार का कहना है कि कई कंपनियां इस इंजेक्शन के उत्पादन में जुटी हैं और प्रतिदिन 38.80 यूनिट्स का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादन के इस आंकड़े और कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाना जरूरी समझा है। यही नहीं सरकार की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कुछ ऐलान किए गए हैं।

सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करने वाली कंपनियों के लिए यह जरूरी किया है कि वे इंजेक्शन की संख्या के बारे में अपनी वेबसाइट्स पर जानकारी दें। इसके अलावा डिस्ट्रिब्यूटर्स के बारे में भी जानकारी दें। इसके अलावा ड्रग इंस्पेक्टर्स को आदेश दिया गया है कि वे स्टॉक को चेक करते रहें और कालाबाजारी के मामलों पर पूरी नजर रखें। इसके अलावा फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट को घरेलू मैन्युफैक्चरर्स से बात करने को कहा गया है ताकि उत्पादन में इजाफा किया जा सके। इसके अलावा सभी निजी और सरकारी अस्पतालों से भी समन्वय बेहतर करने पर फोकस किया जा रहा है ताकि इंजेक्शन की उपलब्धता में कमी न होने पाए।

पढ़ें :- ECI New Rule : मल्लिकार्जुन खरगे का हमला, बोले-चुनाव आयोग की ईमानदारी  खत्म करने की मोदी सरकार की बड़ी साजिश

देश में बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सरकार से लेकर आम लोगों तक की सांसें सांसत में डाल दीं हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और मध्यप्रदेश समेत 10 राज्यों में स्थिति बेहद भयावह है। तमाम पाबंदियों के बावजूद रविवार को कोरोना संक्रमण ने सभी पिछले रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। देश में बीते 24 घंटों में 1.52 लाख से ज्यादा मामले आए हैं। वहीं संक्रमण के बढ़ते कहर को देखते हुए एक बार फिर प्रवासी श्रमिकों ने अपने-अपने घरों का रुख करना शुरू कर दिया है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...