HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Chaitra Amavasya 2022 : चैत्र अमावस्या के दिन दोषों से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय, बन रहा है खास संयोग

Chaitra Amavasya 2022 : चैत्र अमावस्या के दिन दोषों से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय, बन रहा है खास संयोग

चैत्र मास बहुत ही पुनीत माना जाता है।हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। खगोलीय प्रभाव का असर अमावस्या के दिन दिखाई देता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Chaitra Amavasya 2022 : चैत्र मास बहुत ही पुनीत माना जाता है।हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। खगोलीय प्रभाव का असर अमावस्या के दिन दिखाई देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या की रात छोटे व असरदार उपाय करने से एक साथ कई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अमावस्या की तिथि जगत के पालनकर्ता श्री हरि भगवान विष्णु को है समर्पित। पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन पितरों का तर्पण करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।मान्यता है कि अमावस्या तिथि पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए खास होता है, इसलिए इस दिन पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए उपाय किए जाते हैं।

पढ़ें :- Vivah Muhurat 2024 : नवंबर में इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य , जानें शुभ मुहूर्त  और शुभ विवाह की तिथियां

ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनकी तरक्की में हमेशा कोई ना कोई बाधा आती रहती है। इसके अलावा उन्हें संतान सुख में भी बाधा उत्पन्न होती है। आईये जानते हैं कि चैत्र अमावस्या कब है और पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं।

इंद्र योग शुरू हो जाएगा
हिंदी पंचांग के मुताबिक चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च, दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है। साथ ही अमावस्या तिथि का समापन 1 अप्रैल, सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर होगा। हालांकि उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या, शुक्रवार 1 अप्रैल को है। इस दिन सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक ब्रह्म योग है। जिसके बाद इंद्र योग शुरू हो जाएगा।

भोजन का एक हिस्सा कौआ और गाय को खिलाते हैं
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चैत्र अमावस्या के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान किया जाता है। आसपास नदी ना होने पर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।जो लोग पितृ दोष से प्रभावित रहते हैं, वे पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और दान करते हैं। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। भोजन का एक हिस्सा कौआ और गाय को खिलाते हैं। इसके बाद अंत में पितर से आशीर्वाद लेते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

पढ़ें :- Chhath Puja 2024 : छठी मैया को इन चीजों का लगाएं भोग, नारियल का विशेष महत्व है
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...