हिंदू पंचांग में चैत्र का महीना बहुत खास माना जाता है। चैत्र मास को नए साल के रूप में मनाया जाता है।चैत्र का महीना धर्म और विज्ञान दोनों के लिहाज से बहुत अच्छा होता है।
पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता अनुसार, ब्रह्माजी ने चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। कहा जाता है इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में मनु की नौका को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया था।
चैत्र महीने में पड़ने वाले पर्व
15 मार्च 2025 – चैत्र मास प्रारंभ
16 मार्च 2025 – भाई दूज
17 मार्च 2025 – भालचद्र संकष्टी चतुर्थी
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
31 मार्च 2025 – गणगौर
06 अप्रैल 2025 – रामनवमी
12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती
इन नियमों का करें पालन
इस महीने नमक का सेवन न करें। चैत्र मास में कम से कम 15 दिन नमक को त्याग देना चाहिए। जिन लोगों का बीपी हाई है उन्हें तो खासतौर से नमक खाना छोड़ देना चाहिए।
फलों का सेवन बढ़ा देना चाहिए
इसके अलावा तली-भुनी चीजों का सेवन भी बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए। इससे पेट संबंधी परेशानी हो सकती है। इसलिए चैत्र के महीने में तरल चीजों या फिर फलों का सेवन बढ़ा देना चाहिए।