चैत मास में मां दुर्गा की असीम कृपा बरसती है। मान्यता है कि मां दुर्गा की कृपा जिस पर हो जाए उसका जीवन धन्य हो जाता है।
Chaitra Navratri 2022 : चैत मास में मां दुर्गा की असीम कृपा बरसती है। मान्यता है कि मां दुर्गा की कृपा जिस पर हो जाए उसका जीवन धन्य हो जाता है। मां दुर्गा की सेवा पूजा के लिए नवरात्रि का अवसर सर्वश्रेष्ठ होता है। इन दिनों मां दुर्गा की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। मां की आराधना के लिए कलश की स्थापना भी की जाती है।
नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है। इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेगी यानी तिथि का क्षय या वृद्धि नहीं होगी। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगी और 11 अप्रैल 2022 को समापन होगा। मां की पूजा विधि विधान से करने के लिए शुद्धता का विशेष ध्यान दिया जाता है। कुछ कार्य नवरात्रि के समय शास्त्रों के अनुसार वर्जित माने गए है।
चैत्र नवरात्रि में क्या न करें
1.दिन में सोना आलस्य और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान दिन में सोना वर्जित माना जाता है। जहां तक संभव हो इस दौरान तंबाकू, मदिरा, सिगरेट से दूर रहना चाहिए। चैत्र नवरात्रि के दौरान घर में लहसुन और प्याज वाला भोजन नहीं करना चाहिए।
2.नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटना चाहिए। कहते हैं इससे मां रुष्ठ हो जाती हैं। यदि आप भी घर में माँ अम्बे के लिए ज्योति जला रहे हैं। तो इस दौरान किसी न किसी को घर पर जरूर रहना चाहिए। इसे कभी भी अकेला न छोड़ें।
3.कन्याएं मां दुर्गा का रूप होती हैं। ऐसे में यदि आप कन्याओं का दिल दुखाते हैं या उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो आपको व्रत का फल नहीं मिलता है।