मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना के लिए चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। मां दुर्गा की अराधना करने के लिए भक्त व्रत और उपवास का नियम पूर्व पलन करते है।
Chaitra Navratri Navami 2025 : मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना के लिए चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। मां दुर्गा की अराधना करने के लिए भक्त व्रत और उपवास का नियम पूर्व पलन करते है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जो भक्त नवरत्रि में मां दुर्गा की सच्चे मन से उपासना करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों का पूरे मनोभाव से पूजन किया जाता है।
इस साल मार्च अंत से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है।आइये जानते है किस दिन रखा जाएगा नवमी का व्रत (Navami Vrat) और पूजा की जाएगी संपन्न।
इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से प्रारंभ हो रही है। इसके बाद नवरात्रि की नवमी 7 अप्रैल, सोमवार के दिन पड़ रही है। चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी (Ram Navami) भी कहा जाता है। नवमी के दिन घर पर कन्यापूजन करने के बाद नवरात्रि का समापन होता है।
नवमी पूजा की सामग्री
मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने और देवी मां की विशेष कृपा पाने के लिए उनको प्रिय वस्तुओें को पूजा अर्पित किया जाता है। महानवमी पर पूजा करने के लिए पूजा सामग्री (Puja Samagri) में लाल कपड़ा, सिंदूर, रोली, घी, मिठाई, धूप, दीप, नारियल, शृंगार का सामान, कपूर, लाल चुनरी, लौंग, सुपारी, पान और हल्दी की गांठ शामिल की जाती है।
नवमी हवन
जो भक्त इस दिन हवन कर रहे हैं वे हवन कुंड, जौ, गूलर की छाल, आम की लकड़ी, तिल, पंचमेवा, नारियल, नवग्रह की लकड़ियां, चंदन की लकड़ी, इलायची और अक्षत को सामग्री रूप में ले सकते हैं।
कंजक पूजन (Kanjak Pujan) करने की सामग्री में फूल, रोली, फल, चुनरी, अक्षत, परात, फल, कलावा, पानी और कपड़ा आदि रखा जाता है। कन्याओं को कंजक खिलाने के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है। आमतौर पर कन्याओं को पूरी, चना। हलवा और कोई उपहार कंजक की थाली में डालकर दिए जाते हैं।