सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को शुभता और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। पूर्णिमा तिथि के दिन चांद यानी चंद्रदेव अपनी पूर्णकला के साथ आसमान में शोभायमान होते हैं।
Chaitra Purnima 2025 : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को शुभता और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। पूर्णिमा तिथि के दिन चांद यानी चंद्रदेव अपनी पूर्णकला के साथ आसमान में शोभायमान होते हैं। पूर्णिमा तिथि पर स्नान, दान और पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है। इसमें चैत्र पूर्णिमा को कई कारणों से खास माना गया है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 शनिवार को मनाई जाएगी। इस बार हनुमान जयंती पर शनिवार का संयोग बन रहा है जो बेहद दुर्लभ और कल्याणकारी माना जाता है। कहते हैं जो लोग चैत्र पूर्णिमा पर रामचरितमानस, सुंदरकांड का पाठ अपने घर में करते हैं वहां हनुमान जी का वास होता है। समस्त संकट दूर हो जाते हैं।
सुंदरकांड का पाठ
चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 शनिवार को मनाई जाएगी। इस बार हनुमान जयंती पर शनिवार का संयोग बन रहा है जो बेहद दुर्लभ और कल्याणकारी माना जाता है। कहते हैं जो लोग चैत्र पूर्णिमा पर रामचरितमानस, सुंदरकांड का पाठ अपने घर में करते हैं वहां हनुमान जी का वास होता है। समस्त संकट दूर हो जाते हैं।
चंद्रमा को दें अर्घ्य
चैत्र पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करके पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें।
बजरंगबली की विधिपूर्वक उपासना
चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है तो इस दिन बजरंगबली की विधिपूर्वक उपासना जरूर करें। हनुमान जी के साथ ही भगवान राम और माता सीता की भी आराधना करें। चैत्र पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।