Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर साउथ पोल क्षेत्र पर लैंडिंग की थी। जिसके बाद वहां से लगातार तस्वीरें सामने आ रही हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने कहा है कि चंद्रयान-3 ने मिशन के तीन लक्ष्यों में से दो हासिल कर लिए हैं, वहीं तीसरे पर काम जारी है।
Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर साउथ पोल क्षेत्र पर लैंडिंग की थी। जिसके बाद वहां से लगातार तस्वीरें सामने आ रही हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने कहा है कि चंद्रयान-3 ने मिशन के तीन लक्ष्यों में से दो हासिल कर लिए हैं, वहीं तीसरे पर काम जारी है।
इसरो (ISRO) ने ‘एक्स’ अकाउंट से पोस्ट साझा कर कहा कि चंद्रयान-3 ने मिशन के 3 लक्ष्यों में से दो को हासिल कर लिया है। पहला मिशन था चंद्रमा की सतह पर सेफ और सॉफ्ट लैंडिंग, दूसरा चंद्रमा पर घूमने वाले रोवर का प्रदर्शन, जो कि पूरा हो गया है औऱ अब तीसरा इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग अभी जारी है। सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
Chandrayaan-3 Mission:
Of the 3⃣ mission objectives,
🔸Demonstration of a Safe and Soft Landing on the Lunar Surface is accomplished☑️
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🔸Demonstration of Rover roving on the moon is accomplished☑️
🔸Conducting in-situ scientific experiments is underway. All payloads are…
— ISRO (@isro) August 26, 2023
बता दें कि चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने के लिए चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लैंडर और रोवर इन-सीटू अवलोकन और प्रयोग करेंगे। भारत का अंतरिक्षयान चांद पर एक लूनर यानी 14 दिन रहकर काम करेगा। धरती के 14 दिन के बराबर चांद का एक दिन होता है। ऐसे में प्रज्ञान सिर्फ एक लूनर डे तक एक्टिव रहेगा। इस दौरान रोवर प्रज्ञान वहां पानी की खोज, खनिज की जानकारी और भूकंप, गर्मी और मिट्टी की स्टडी करेगा।