केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) की तरफ से रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के प्रोसेस पर उठाए गए सवालों और 'वोट चोरी' (Vote Chori) के आरोपों पर जवाब दिए हैं। आयोग ने कहा कि हमारे लिए न कोई पक्ष है, न ही विपक्ष है, बल्कि सभी समकक्ष हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) की तरफ से रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के प्रोसेस पर उठाए गए सवालों और ‘वोट चोरी’ (Vote Chori) के आरोपों पर जवाब दिए हैं। आयोग ने कहा कि हमारे लिए न कोई पक्ष है, न ही विपक्ष है, बल्कि सभी समकक्ष हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar) ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ने कहा कि किसी भी शिकायत के लिए आयोग के दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा कि वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल सरासर गलत है, ऐसे मामलों में कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि वोटर्स के फोटो, नाम और पहचान सार्वजनिक रूप से दिखाई गई, जो कि पूरी तरह से गलत है।
नेशनल मीडिया सेंटर में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar) ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग (Election Commission) में पंजीकरण के माध्यम से होता है। फिर चुनाव आयोग (Election Commission) समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग (Election Commission) के लिए न तो कोई विपक्ष है और न ही कोई पक्ष। सभी समान हैं। चाहे कोई किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग (Election Commission) अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ने कहा कि पिछले दो दशकों से लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की है। SIR की प्रक्रिया में सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख BLA ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है।
चुनाव आयोग ऐसे झूठे आरोपों से नहीं डरता
चुनाव आयोग ऐसे झूठे आरोपों से डरता नहीं है। चुनाव आयोग बिना किसी मतभेद चट्टान की तरह खड़ा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, वोट चोरी जैसे गलत शब्द का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए तो ये भारत के संविधान का अपमान है। मशीन रिडेबल मतदाता सूची न साझा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ये मतदाता के निजता का उल्लंघन है. लेकिन फिर भी कुछ दलों की ओर से ये किया गया।