सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सभी 13 पीठें रोजाना कम से कम 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 10 स्थानांतरण याचिकाओं पर भी सुनवाई होंगी। यह जानकारी संविधान दिवस समारोह (Constitution Day Celebrations) में देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of the country DY Chandrachud) ने अपने संबोधन के दौरान दी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सभी 13 पीठें रोजाना कम से कम 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 10 स्थानांतरण याचिकाओं पर भी सुनवाई होंगी। यह जानकारी संविधान दिवस समारोह (Constitution Day Celebrations) में देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of the country DY Chandrachud) ने अपने संबोधन के दौरान दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में करीब 3000 ट्रांसफर याचिकाएं लंबित हैं। मौजूदा वक्त में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 13 पीठें चल रही हैं। ऐसे में कोशिश होगी कि, शीतकालीन अवकाश (Winter Break) से पहले प्रतिदिन 130 ट्रांसफर याचिकाओं का निस्तारण किया जाए।
याचिकाओं का त्वरित हो निपटारा
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जमानत के मामलों को सूचीबद्ध किया जाए और उनका त्वरित तरीके से निपटारा किया जाए। कार्यक्रम के दौरान न्यायाधाश ने कहा कि, संविधान की कार्यशैली इस बात पर निर्भर करती है कि जिले में न्यायपालिका कैसे काम कर रही है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, आज जब हम संविधान को लेकर जश्न मना रहे हैं। ऐसे में हमें संविधान को अपनाने से पहले के इतिहास के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
औपनिवेशिक काल की प्रथाओं को दूर करेंगे
मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से औपनिवेशिक काल की प्रथाओं को दूर करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि, भारत में गर्मियों के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है। ऐसे हमें विशेष रूप से गर्मियों में वकीलों के लिए सख्त ड्रेस कोड पर पुनर्विचार करना चाहिए। पहनावे को लेकर महिला वकीलों की नैतिक पहरेदारी नहीं होनी चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, लोकतंत्र में कोई भी संस्था पूर्ण नहीं है। लेकिन हम संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर ही काम करते हैं।