जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य (Jagadguru Swami Rambhadracharya) ने एक बार फिर मेरठ के विक्टोरिया पार्क (Victoria Park) में चल रही रामकथा (Ram Katha) के दौरान विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस्लाम धर्म पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जितनी दुर्गति इस्लाम परंपरा में महिलाओं की हुई उतनी कहीं नहीं हुई।
मेरठ। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य (Jagadguru Swami Rambhadracharya) ने एक बार फिर मेरठ के विक्टोरिया पार्क (Victoria Park) में चल रही रामकथा (Ram Katha) के दौरान विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस्लाम धर्म पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जितनी दुर्गति इस्लाम परंपरा में महिलाओं की हुई उतनी कहीं नहीं हुई। एक-एक महिला 25-25 बच्चे पैदा करती है और बुजुर्ग होने पर तीन तलाक देकर छोड़ दिया जाता है।
रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने कहा कि जितनी दुर्गति इस्लाम परंपरा में महिला में हुई ऐसी कही देखी नहीं जाती। एक एक महिला से 25-25 बच्चे पैदा करना फिर उनके वृद्ध होने पर तीन बार तलाक तलाक-तलाक कहकर छोड़ देना यूज एंड थ्रो (Use and throw) ये हमारे यहां नहीं है। आगे उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो संतान हो उसको हम संस्कारी बनाएं। प्रयास करें सरस्वती विद्यालय में भेजे कॉन्वेंट स्कूल में न भेजें। मदरसे में न भेजें। हिंदू धर्म जैसा उदार धर्म हो ही नहीं सकता।
रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने कहा कि केवल हिंदू धर्म ही ऐसा है जहां महिलाओं को देवी के रूप में सम्मानित किया जाता है, उन्होंने अन्य धर्मों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि वहां महिलाओं को बेबी या बीवी कहा जाता है। उन्होंने दावा किया कि हिंदू परंपरा में ऐसा नहीं है और यहां मां को पिता से भी बड़ा दर्जा दिया जाता है।
महिलाओं के आरक्षण पर राय
रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने संसद में महिलाओं को दिए गए 33 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में और ज्यादा अधिकार मिलने चाहिए। उनका कहना था कि समाज में महिलाओं को ऊंचा दर्जा देने की परंपरा हिंदू धर्म से ही शुरू हुई है।
पाकिस्तान से की थी पश्चिमी यूपी की तुलना
इससे पहले कथावाचक ने पश्चिमी यूपी की तुलना पाकिस्तान से की थी। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं पर बहुत संकट है, अपने ही देश में हम हिंदू धर्म को उतना न्याय नहीं दे पा रहे हैं। पश्चिमी यूपी में आकर ऐसा लगता है कि ये मिनी पाकिस्तान है। अब हमें मुखर होना है। सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है। जहां वसुधैव कुटुंबकम कहा जाता है। हम पूरे वसुधैव को ही कुटुंब मानते हैं। हमारा किसी से द्वैष नहीं है। लेकिन भूलकर भी हम किसी को न छेड़ेंगे, लेकिन छेड़ने पर हम न किसी को छोड़ेंगे।
गौरतलब है कि कथावाक रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) का बयान पहली बार सुर्खियों में नहीं है। वह लगातार ऐसे बयान देते रहते हैं। जिसे लेकर बाद में बखेड़ा खड़ा हो जाता है और उन्हें सफाई देनी पड़ती है। मिनी पाकिस्तान वाले बयान पर उन्होंने कहा था कि मैं आज भी यही कह रहा हूं। संभल से हिंदू इतना पलायन क्यों कर रहे हैं? मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर में भी कई लोग हिंदुओं पर हावी हो रहे हैं। मैंने क्या गलत कहा?