मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक हिस्सा 2022 तक बनकर तैयार होना है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट से सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है।
नई दिल्ली। मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक हिस्सा 2022 तक बनकर तैयार होना है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट से सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है। अथॉरिटी ने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू रिडेवलपमेंट प्रोजक्ट द्वारा किए जा रहे सभी निर्माण गतिविधि रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में बताया गया है कि कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। बावजूद इसके सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम चल रहा है, ऐसे में मजदूरों और अन्य लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। जितनी जल्दी हो सके इस निर्माण कार्य को रोक दिया जाए। हाईकोर्ट 17 मई को इस पर सुनवाई करेगा।
नए संसद भवन का निर्माण करीब 20,000 करोड़ रुपए की लागत से होना है। जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा उस समय तक इस योजना को अंतिम रूप देना है। महत्वाकांक्षी परियोजना का मकसद 3.2 किलोमीटर के क्षेत्र को पुनर्विकास करना है, जिसमें एक नए त्रिभुजाकार संसद भवन का निर्माण होना है। पिछले साल सितंबर में पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। जिसके बाद से यह निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
दिल्ली में लॉकडाउन, लेकिन परियोजना का काम चालू
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर काफी तेज से फैल रही है। कई राज्यों में लॉकडाउन लागू है, दिल्ली में भी पिछले 12 दिनों से लॉकडाउन जारी है, लेकिन विस्टा प्रोजेक्ट का काम चालू है, जिसमें बड़ी संख्या में मजदूर, मिस्त्री और अन्य लोग काम कर रहे हैं। लेकिन कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए इस परियोजना को रोक लगाने की मांग की गई है।