भारत नोवल कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिए हर संभव तैयारी कर रहा है। इसी बीच विशेषज्ञों ने दावा SARS CoV-2 के एक 'सुपर वेरिएंट' की चेतावनी दे रहे हैं, जो 2022 में 'COVID-22' के रूप में उभर सकता है। जिनको वैक्सीन नहीं लगी (Unvaccinated People) है संभावित सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं।
नई दिल्ली। भारत नोवल कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिए हर संभव तैयारी कर रहा है। इसी बीच विशेषज्ञों ने दावा SARS CoV-2 के एक ‘सुपर वेरिएंट’ की चेतावनी दे रहे हैं, जो 2022 में ‘COVID-22’ के रूप में उभर सकता है। जिनको वैक्सीन नहीं लगी (Unvaccinated People) है संभावित सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं।
ज्यूरिख में एक इम्यूनोलॉजिस्ट, प्रोफेसर साई रेड्डी ने कहा कि वर्तमान स्ट्रेन में मिलने के परिणामस्वरूप एक नई और अधिक खतरनाक महामारी हो सकती है, जैसा कि द सन की एक रिपोर्ट में बताया गया है। रेड्डी ने बताया कि ‘COVID-22’ जरूरी था क्योंकि कोरोनवायरस (Coronavirus) के एक घातक तनाव बनाने के लिए गठबंधन करने की बहुत संभावना है।
उन्होंने आगाह किया के सीओवीआईडी -19 अब हम जो देख रहे हैं उससे भी बदतर हो सकता है। । नतीजतन, भविष्य में एक से अधिक टीकाकरण की आवश्यकता होगी। क्योंकि कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई जारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि टीकाकरण और बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता होगी ‘शायद हमारे जीवन के बाकी हिस्सों के लिए।
उन्होंने आगाह किया कि दुनिया केवल टीकाकरण पर निर्भर नहीं रह सकती है। द सन ने उनके हवाले से कहा कि सीओवीआईडी -22 अब जो हम देख रहे हैं, उससे भी बदतर हो सकता है। हमें अगले कुछ वर्षों में एक से अधिक टीकाकरण (Vaccinated) के लिए तैयार रहना होगा, जो लगातार नए रूपों को अपना रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया को तैयार रहना होगा क्योंकि ‘COVID-22’ संस्करण में एक बड़ा जोखिम होने की संभावना है। रेड्डी ने दावा किया कि यदि ऐसा कोई रूप दिखाई देता है, तो हमें इसे जल्द से जल्द पहचानना होगा और वैक्सीन निर्माताओं को वैक्सीन को जल्दी से अपनाना होगा। इस नए संस्करण का उभरना एक बड़ा जोखिम है।