यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के नए वैरिएंट (Covid BF 7 Variant)को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट हो गया है। अब रोजाना स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के तरफ से जिलों में डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। अभी तक रोजाना करीब 1000 लोगों की जांच की जा रही थी।
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के नए वैरिएंट (Covid BF 7 Variant)को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट हो गया है। अब रोजाना स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के तरफ से जिलों में डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। अभी तक रोजाना करीब 1000 लोगों की जांच की जा रही थी। लेकिन संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने इन आंकड़ों में वृद्धि कर दिया है।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने बताया कि कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट है। जिलों में अभी 29 रैपिड रिस्पांस टीमें कार्य कर रही हैं। जल्द ही इनकी संख्या बढ़ा कर 52 कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की रेंडम सेंपलिंग का आंकड़ा बढ़ाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में जिन यात्रियों की एंटीजन जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी उनकी आरटीपीसीआर (RTPCR) के साथ जिनोम सिक्वेंस के लिए नमूना केजीएमयू (KGMU)भेजा जाएगा। इसके अलावा बस स्टेशनों व रेलवे स्टेशनों पर भी जांच के लिए टीमें लगाई जाएंगी। जिससे दूरदराज से आने वाले लोगों की अच्छे से कोरोना जांच की जा सके।
अस्पतालों में 3872 बेड हैं तैयार
कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला लेवल के अस्पतालों में भी तैयारीयां कर ली गई है। जिलों के 1 से 3 अस्पतालों में बेड, आईसीयू व वेंटीलेटर के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि शुक्रवार को डीएम कार्यालय में कोविड को लेकर हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों का खाका पेश किया।
सीएमओ ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में 3872 बेड हैं। बलरामपुर अस्पताल, लोकबंधु, केजीएमयू, एरा, प्रसाद, कैरियर इंस्टिट्यूट, इंटीग्रल, टाएस मिश्रा, कैंसर संस्थान, राम सागर मिश्र, मलिहाबाद, चिनहट, मोहनलालगंज व गोसाईगंज सीएचसी में कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। कोरोना मरीजों के लेवल एक के लिए 6 अस्पतालों में 220, लेवल 2 के लिए 7 अस्पतालों में 1935 और लेवल 3 के के लिए 4 अस्पतालों में 1717 बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा अस्पतालों में दवाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।