HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. सेनेटरी नैपकिन खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये का घोटाला, किशोरियों की जिंदगियों से किया जा रहा है खिलवाड़, मंत्री खामोश

सेनेटरी नैपकिन खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये का घोटाला, किशोरियों की जिंदगियों से किया जा रहा है खिलवाड़, मंत्री खामोश

राज्य सरकार की 'किशोरी सुरक्षा योजना' (Kishori Suraksha Yojana) को स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा यूपी के कई जिलों में पलीता लगाया जा रहा है। 'किशोरी सुरक्षा योजना' (Kishori Suraksha Yojana)  के तहत सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) की खरीद-फरोख्त में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है।

By टीम पर्दाफाश 
Updated Date

फर्रुखाबाद। राज्य सरकार की ‘किशोरी सुरक्षा योजना’ (Kishori Suraksha Yojana) को स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा यूपी के कई जिलों में पलीता लगाया जा रहा है। ‘किशोरी सुरक्षा योजना’ (Kishori Suraksha Yojana)  के तहत सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) की खरीद-फरोख्त में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। जिससे स्वास्थ्य महकमा सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया है। नियमों को ताख पर रखके टेंडर आवंटित किए जा रहे हैं।

पढ़ें :- महराजगंज में तेंदुए ने महिला को मारा झपट्टा,इलाके में दहशत

‘किशोरी सुरक्षा योजना’ (Kishori Suraksha Yojana)  के तहत अपने चहेतों लोगों की फर्मों में ज्यादा दर बजट आवंटित कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया जा रहा है। वहीं जाब वर्क पर काम करने वाली कंपनियों को किशोरियों के लिए सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin)  खरीदवाकर किशोरियों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले को लेकर शिकायत कर्ता ने डीजी हेल्थ (DG Health) व फरुखाबाद के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर घोटाले को लेकर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

हालांकि भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सरकारी टेंडर प्रक्रिया को जैम पोर्टल के माध्यम से आनलाइन किया है ताकि फर्म अपनी हिसाब से खरीददारी कर सकें और पा​रदर्शिता भी बनी रहे। लेकिन ठेकेदार और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते कई बड़े घोटाले निकल कर सामने आए हैं।

फरुखाबाद के सीएमओ की मिलीभगत से कई ऐसी बोगस कंपनियों को दिया गया टेंडर 

बताते चलें कि शिकातकर्ता ने डीजी हेल्थ (DG Health) को पत्र लिखकर फरुखाबाद के सीएमओ की मिलीभगत से कई ऐसी बोगस कंपनियों को टेंडर दिया गया है। जिनका काम जॉब वर्क करने का है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर डीजी हेल्थ (DG Health) को पत्र लिखा गया है और उत्तर प्रदेश के कई ऐसे जिले सामने आए हैं, जिनमें टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से घोटाले की बात सामने आई अब देखने वाली बात है कि डीजी हेल्थ (DG Health) द्वारा मामला संज्ञान में लिए जाने के बाद किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है।

पढ़ें :- गौतम अडानी को एक और बड़ा झटका, केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ हुए समझौते को किया रद्द

सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच करने के  दिए आदेश

सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने सीएमओ से लाखों की हुई खरीद की पत्रावली मांगी है। बतातें चलें कि एमएलसी प्रांशु दत्त द्विवेदी ने सीएमओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की विधान परिषद में शिकायत की थी। उन्होंने एनएचएम के राजकीय बजट में चहेती फर्मों से खरीद कराने, हेल्थ वेलनेस सेंटरों की बिड में व्यक्ति विशेष को खरीद की जिम्मेदारी देने के लिए विशेष शर्तें लगाने, झोलाछापाें पर कार्रवाई के नाम पर वसूली कराने, बिना मानक के नर्सिंगहोम व पैथोलॉजी का लाइसेंस जारी करने के आरोप लगाए।

शासन की नीति के विरुद्ध चीफ फार्मासिस्ट लगातार 18 वर्ष से  है तैनात 

शिकायत में कहा कि हाल ही में हेल्थ वेलनेस सेंटरों के लिए 40 लाख से फर्नीचर खरीद पर सवाल उठे तो कमेटी से जांच कराई गई। सही जांच रिपोर्ट देने पर डिप्टी सीएमओ डॉ.आरसी माथुर व स्टोरकीपर लिपिक अरुण कंबोज को पद से हटा दिया गया और मनमाफिक काम कराने के लिए एसीएमओ डॉ.सर्वेश यादव को स्टोर का काम सौंप दिया गया। इसके अलावा शासन की नीति के विरुद्ध चीफ फार्मासिस्ट लगातार 18 वर्ष से तैनात है। स्टोरकीपर होने के बावजूद चीफ फार्मासिस्ट से ही खरीद कराई जा रही है। इससे मोटी रकम कमाई जा रही है। सीएमओ ने चीफ फार्मासिस्ट का दो बार स्थानांतरण आदेश जारी कर नए फार्मासिस्ट को तैनात किया। इसके बाद खुद ही अपने आदेश को पलटकर चीफ फार्मासिस्ट को ही स्टोर का चार्ज भी सौंप दिया।

सीडीओ ने सीएमओ पत्र जारी कर खरीद से संबंधित सभी पत्रावलियां मांगी

पढ़ें :- दिल्ली में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के ऑफिस आने के समय में किया बदलाव, जानिए कारण

इसके अलावा जिलाधिकारी के नाम पर सीएमओ द्वारा ठेकेदाराें को धमकाकर मोटा कमीशन मांगने का भी आरोप लगाया गया है। जिलाधिकारी डॉ.वीके सिंह ने आठ बिंदुओं पर की गई शिकायत की जांच के लिए सीडीओ अरविंद कुमार मिश्र की अध्यक्षता में डीडीओ श्याम कुमार तिवारी, नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल व वरिष्ठ कोषाधिकारी की चार सदस्यीय कमेटी गठित कर शीघ्र जांच करने के आदेश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने सीएमओ पत्र जारी कर खरीद से संबंधित सभी पत्रावलियां मांगी हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...