पीएम मोदी ने कहा, AI के जमाने में जिस प्रकार से डीपफेक फैल रहा है, वह एक बड़ा संकट है। ये समाज में असंतोष की आग भी बहुत तेजी से फैला सकता है। इस बारे में हमारे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को एजुकेट करें कि डीपफेक है क्या, कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकता हैं, उसको उदाहरणों के साथ लोगों को बताया जाए।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा मुख्यालय, नई दिल्ली में दिवाली मिलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आप सभी को दीपावली के पावन पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। छठ का पर्व भी अब राष्ट्रीय पर्व बन गया है तो और खुशी की बात है। पहले कुछ राज्यों के पर्व अधिकतर वहीं तक सीमित रहते थे, लेकिन जैसे जैसे इलेक्ट्रानिक मीडिया का प्रभाव बढ़ा है, उस वजह से नवरात्रि, काइट फ्लाइंग, छठ पूजा जैसे त्योहार देश के हर कोने में मनाए जाने लगे हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा, AI के जमाने में जिस प्रकार से डीपफेक फैल रहा है, वह एक बड़ा संकट है। ये समाज में असंतोष की आग भी बहुत तेजी से फैला सकता है। इस बारे में हमारे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को एजुकेट करें कि डीपफेक है क्या, कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकता हैं, उसको उदाहरणों के साथ लोगों को बताया जाए।
पीएम ने कहा, ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को लोगों का समर्थन मिला है। इस एक सप्ताह में 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का करोबार हुआ है। ये देश के लिए बहुत बड़ी बात होती है, इससे हर छोटे-मोटे व्यक्ति की कमाई होती है। मैं इसी ताकत के आधार पर कहता हूं कि हम ‘विकसित भारत’ के संकल्प को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकते हैं।
AI के जमाने में जिस प्रकार से डीपफेक फैल रहा है, वह एक बड़ा संकट है। ये समाज में असंतोष की आग भी बहुत तेजी से फैला सकता है।
इस बारे में हमारे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को एजुकेट करें कि डीपफेक है क्या, कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकता हैं, उसको… pic.twitter.com/JVj95UpJSS
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— BJP (@BJP4India) November 17, 2023
उन्होंने कहा, दांडी यात्रा पर भारत के मीडिया का ध्यान बहुत कम गया था। भारत में उस वक्त जो भी मीडिया पैदा हुआ था, वह सिर्फ देश की आजादी के लिए पैदा हुआ था, अंग्रेजों के खिलाफ जंग के लिए भी तैयार था। उसे दांडी यात्रा की ताकत नजर नहीं आई थी। बाद में जब एक विदेशी पत्रकार ने दांडी यात्रा पर खबर लिखी तो उसने सबको चौकन्ना कर दिया। दांडी यात्रा से ऐसी क्रांति आई, जिसने देश में विश्वास पैदा किया कि अब आजादी लेकर रहेंगे।