दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। राष्ट्रीय राजधानी का औसत 24 घंटे का AQI 493 है। दिल्ली के सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस चल रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। राष्ट्रीय राजधानी का औसत 24 घंटे का AQI 493 है। दिल्ली के सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस चल रही है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार को भी लगाई। इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी दिल्ली की जहरीली हवाओं पर चिंता जाहिर की है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि दिल्ली आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, जो खतरनाक स्तर से 4 गुना अधिक है और दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना अधिक खराब है।
Delhi is officially the most polluted city in the world, 4x Hazardous levels and nearly five times as bad as the second most polluted city, Dhaka. It is unconscionable that our government has been witnessing this nightmare for years and does nothing about it. I have run an Air… pic.twitter.com/sLZhfeo722
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 18, 2024
यह अमानवीय है कि हमारी सरकार वर्षों से इस दुःस्वप्न को देख रही है और इसके बारे में कुछ नहीं करती है। मैंने 2015 से सांसदों सहित विशेषज्ञों और हितधारकों के लिए वायु गुणवत्ता गोलमेज का आयोजन किया है, लेकिन पिछले साल इसे छोड़ दिया क्योंकि कुछ भी नहीं बदला और किसी को भी इसकी परवाह नहीं थी। यह शहर नवंबर से जनवरी तक अनिवार्य रूप से निर्जन है और बाकी साल में मुश्किल से रहने लायक है। क्या इसे देश की राजधानी भी रहना चाहिए?
आज सुबह कोहरे के कारण दिल्ली को आने व जाने वाली ट्रेनें पिछले कई दिनों से लगातार देरी से चल रही है। कोहरे का कारण उड़ानों को भी डायवर्ट करना पड़ रहा है। आइए आपको बताते हैं कि आज कहां पर कितना AQI रहा है।
कोहरे और स्मॉग की चपेट में सुबह सात बजे आईजीआई एयरपोर्ट पर दृश्यता का न्यूनतम स्तर 100 मीटर रह गया। जबकि सुबह साढ़े सात बजे सफदरजंग पर दृश्यता का स्तर 150 मीटर दर्ज हुआ।
दिल्ली के अस्पतालों में बढ़े मरीज
सोमवार से राजधानी में ग्रेप-4 लागू हो गया। यमुनापार के दिलशाद गार्डन में जीटीबी और स्वामी दयानंद अस्पताल हैं, जिनमें प्रदूषण से प्रभावित होकर लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि सांस, आंखों में जलन व छाती में जकड़न के मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।