आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की बुधवार को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) बढ़ा दी गई है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दोनों को 20 जनवरी तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है।
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की बुधवार को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) बढ़ा दी गई है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दोनों को 20 जनवरी तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है।
दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Excise Policy) मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में पेश किया गया था। संजय सिंह (Sanjay Singh) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) की अवधि खत्म आज यानी 10 जनवरी को खत्म हो रही थी, जिसे बढ़ा दिया गया है।
बीते दिनों आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को आगामी राज्यसभा चुनाव में नामांकन फॉर्म दाखिल करने के लिए व्यक्तिगत रूप से आने की अनुमति दी थी। इससे पहले अदालत ने जेल अधीक्षक को चुनाव के संबंध में अंडरटेकिंग, नामांकन फॉर्म और अन्य सहायक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
संजय सिंह को चार अक्तूबर को ईडी ने किया था गिरफ्तार
दिल्ली शराब नीति (Delhi Excise Policy) मामले में आप सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) फिलहाल जेल में हैं। संजय सिंह (Sanjay Singh) को उत्पाद नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार अक्तूबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह (Sanjay Singh) ने अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ।
सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर चुका सुप्रीम कोर्ट
मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी झटका लग चुका है। घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने समीक्षा याचिकाएं खारिज की थीं।