HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Good News : Delhi to Mumbai का सिर्फ 1 घंटा 22 मिनट में तय होगा सफर

Good News : Delhi to Mumbai का सिर्फ 1 घंटा 22 मिनट में तय होगा सफर

अगर यह योजना सफल रहीं तो नई दिल्ली से मुंबई का सफर (Delhi to Mumbai travel) सिर्फ 1 घंटा 22 मिनट होने वाला है। जी हां आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह 100 फीसदी सच है। बता दें कि वर्जिन ग्रुप (Virgin Hyperloop) का हाइपरलूप 2014 से विकास और परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अगर यह योजना सफल रहीं तो नई दिल्ली से मुंबई का सफर (Delhi to Mumbai travel) सिर्फ 1 घंटा 22 मिनट होने वाला है। जी हां आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह 100 फीसदी सच है। बता दें कि वर्जिन ग्रुप (Virgin Hyperloop) का हाइपरलूप 2014 से विकास और परीक्षण के दौर से गुजर रहा है।

पढ़ें :- आयोग के झुकने के बाद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी, RO/ARO पर फंसा पेंच

इस टेक्नोलॉजी के सफल होने पर दुनिया भर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में क्रांतिकारी बदलाव (Revolutionary changes in public transport) आ सकता है। वर्जिन हाइपरलूप (Virgin Hyperloop) ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना की व्याख्या करते हुए एक नया कॉन्सेप्ट वीडियो जारी किया है जो यात्रियों को 1000 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करने की अनुमति देगा। बता दें कि यह स्पीड साधारण ट्रेन की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है।

इससे यात्रा के समय में काफी कमी हो सकती है। अमेरिकी परिवहन प्रौद्योगिकी कंपनी ने इसे बड़े पैमाने पर परिवहन का एक नया रूप करार दिया है, जिससे यात्री चंद मिनटों में एक शहर से दूसरे शहर में ट्रैवल कर सकेंगे।

दिल्ली से मुंबई 1 घंटा 22 मिनट का सफर

हायपरलूप की वेबसाइट पर रूट एस्टिमेटर के अनुसार दिल्ली से मुंबई की लगभग 1,153 किलोमीटर की दूसरी को इससे केवल 1 घंटा 22 मिनट में पूरा किया जा सकता है।

पढ़ें :- Delhi GRAP-3 Rules: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में, आज से ग्रेप-3 की पाबंदियां लागू

वर्जिन हायपरलूप सिस्टम पर्यावरण के लिहाज से शानदार तकनीक

वर्जिन हायपरलूप (Virgin Hyperloop) सिस्टम एयरलॉक्स (System Airlocks) का इस्तेमाल करता है, जिससे इसमें सुरक्षा अधिक रहती है। इमरजेंसी की स्थिति में पैसेंजर के बाहर निकलने के लिए ट्यूब में प्रत्येक 75 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट होगा। पर्यावरण के लिहाज से भी यह टेक्नोलॉजी अच्छी है और इससे बहुत कम पॉल्यूशन होता है।

जानिए कैसे काम करेगी यह तकनीक?

हायपरलूप पॉड्स ट्यूब (Hyperloop Pods Tube) में ट्रैवल करता हैं जो वैक्यूम बनाती है। ये पॉड्स स्पीड को बढ़ाने के लिए मैग्नेटिक लेविटेशन और प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करते हैं। ट्रेन की तरह ही ये पॉड्स एक साथ ट्रैवल कर सकते हैं, लेकिन इनके आपस में जुड़े नहीं होने के कारण ये अलग-अलग लोकेशंस पर जा सकते हैं।

पढ़ें :- IND vs SA 4th T20I : आज सीरीज पर कब्जा करने उतरेगी टीम इंडिया, जानें- कब और कहां देख पाएंगे मैच
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...