किसान परिवार में जन्म लेने वाले राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेच चंद बैरवा की कहानी किसी किस्से से कम नहीं है। मजदूरी, सिलाई और LIC एजेंट का काम करने वाले बैरवा के पिता रामचंद्र बैरवा के पास खेती के लिए थोड़ी जमीन थी, जो परिवार के लिए काफी नहीं थी।
Deputy CM Prem Chand Bairwa Story: किसान परिवार में जन्म लेने वाले राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेच चंद बैरवा की कहानी किसी किस्से से कम नहीं है। मजदूरी, सिलाई और LIC एजेंट का काम करने वाले बैरवा के पिता रामचंद्र बैरवा के पास खेती के लिए थोड़ी जमीन थी, जो परिवार के लिए काफी नहीं थी। इसी कारण प्रेमचंद बैरवा कम उम्र में ही काम करने लगे। कॉलेज के दिनों में वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय हो गए। पहली बार वो 2013 में विधायक बने। अब राजस्थान के डिप्टी सीएम के रूप में प्रेम चंद बैरवा ने कमान संभाल ली है।
किसान परिवार में हुआ जन्म
राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा का जन्म एक किसान परिवार में 1969 में हुआ। प्रेम चंद बैरवा के बचपन में उनके घर की स्थिति अच्छी नहीं थी। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने खेती—किसानी, मजदूरी से लेकर एलआईसी एजेंट तक के काम किए। हालांकि, इन संघर्षों के बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। कॉलेज के दिनों में ही वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय हो और यहां से उन्होंने राजनीति की सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दी थी।
परिवार के बारे में जानिए
प्रेम चंद बैरवा के परिवार में उनकी पत्नी नारायणी देवी हैं, जो घर संभालती हैं। दंपत्ति को कुल चार संतान जिसमें तीन बेटी और एक बेटा है। दो बड़ी बेटियों की शादी हो गई है। बेटा सबसे छोटा है। सबसे छोटी बेटी पूजा (24) और इकलौता बेटा चिन्मय (17) पिता पर आश्रित हैं।
चार बार के विधायक रहे कांग्रेस प्रत्याशी को हराया
राजस्थान के डिप्टी सीएम बनने वाले प्रेम चंद बैरवा को पार्टी की राजस्थान इकाई के दलित चेहरे के रूप में देखा जाता है। दूदू से बैरवा ने चार बार के विधायक रह चुके और कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के बड़े अंतर से हराया।