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तिरुपति मंदिर में भक्त ने चढ़ाई 6.5 किलो सोने की तलवार, देखें ‘सूर्य कटारी’ की एक झलक

आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर देश सबसे प्रतिष्ठित और अमीर मंदिरों में गणना की जाती है। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी को करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है। सोमवार को हैदराबाद के श्रीनिवास दंपत्ति ने करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से बनी सोने की तलवार भेंट की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर देश सबसे प्रतिष्ठित और अमीर मंदिरों में गणना की जाती है। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी को करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है। सोमवार को हैदराबाद के श्रीनिवास दंपत्ति ने करीब 4 करोड़ रुपये की लागत से बनी सोने की तलवार भेंट की है।

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श्रीनिवास दंपति ने सोमवार सुबह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों को सोने की तलवार सौंपी है। इन्होंने रविवार को तिरुमाला के कलेक्टिव गेस्ट हाउस में मीडिया के सामने करीब साढ़े छह किलोग्राम वजनी तलवार का प्रदर्शन किया था। बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से तलवार सौंपना चाहते थे, लेकिन कोरोना की वजह से संभव नहीं हो पाया था।

भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की चरणों में सोने की तलवार अर्पित करने वाले श्रीनिवास ने कहा कि मैं पिछले एक साल से ‘सूर्य कटारी’ को भेंट देना चाहता था, लेकिन कोरोना की वजह से मंदिर बंद था। आज सुबह सुप्रभात सेवा के दौरान श्रीनिवास दंपति ने ‘सूर्य कटारी’ को टीटीडी अधिकारियों को सौंपी।

‘सूर्य कटारी’ को श्रीनिवास दंपति ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में विशेषज्ञ ज्वैलर्स द्वारा बनावाया है। इसे बनाने में करीब 6 महीने का समय लगा है। साढ़े छह किलो वजनी इस सोने की तलवार की तब कीमत तकरीब 1.8 करोड़ रुपये थे, लेकिन अभी इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है।

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इससे पहले तमिलनाडु के एक कपड़ा व्यापारी थंगा दोराई ने 2018 में तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर को 1.75 करोड़ रुपये की सोने की तलवार दान में दी थी। इस ‘सूर्य कटारी’ बनाने में लगभग छह किलोग्राम सोना लगा था। दोराई ने भी सुप्रभात सेवा के दौरान मंदिर के अधिकारियों को तलवार भेंट सौंपी थी।

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वेंकटेश्वर मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। कई शताब्दी पहले बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अद्भूत उदाहरण है। कहा जाता है कि चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं का आर्थिक रूप से इस मंदिर के निर्माण में खास योगदान था।

तिरुपति श्रीवेंकटेश्वर मंदिर भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है, जहां हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। लाखों भक्त आंध्रप्रदेश की तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। कोरोना काल में बाकी मंदिरों की तरह यह मंदिर भी बंद था।

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