केंद्रीय कैबिनेट (Central cabinet) की बुधवार को बैठक हुई में कई अहम फैसले लिए गए। बिहार के पटना के दीघा से सोनपुर के बीच गंगा नदी पर 6 लेन पुल के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने दी। उन्होंने बताया कि गंगा पर 4.5 किलोमीटर लंबा पुल बनेगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट (Central cabinet) की बुधवार को बैठक हुई में कई अहम फैसले लिए गए। बिहार के पटना के दीघा से सोनपुर के बीच गंगा नदी पर 6 लेन पुल के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने दी। उन्होंने बताया कि गंगा पर 4.5 किलोमीटर लंबा पुल बनेगा। उन्होंने बताया कि बिहार में अपार संभावनाएं है और पीएम मोदी (PM Modi) ने बहुत बिहार की मदद की है। मखाना का उदाहरण हमारे सामने है। कनेक्टिविटी हो या वाटर-वे हो। बिहार मोदी सरकार की प्राथमिकता थी है और रहेगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार (Central Government) ने कई फसलों के लिए एमएसपी (MSP) भी तय कर दिया है। खोपरा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 12000 रुपया तय किया गया है।
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— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) December 27, 2023
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज गंगा नदी पर (मौजूदा नदी के पश्चिमी किनारे के समानांतर) 4556 मीटर लंबे, 6-लेन उच्च स्तरीय/अतिरिक्त केबल वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी। दीघा-सोनेपुर रेल-सह सड़क पुल) और ईपीसी मोड पर बिहार राज्य में पटना और सारण जिलों (एनएच-139डब्ल्यू) में दोनों तरफ इसके पहुंच मार्ग होंगे। उन्होंने कहा कि यह पुल 3064 करोड़ की लागत से 42 महीने में पूरा होगा। 4.5 किमी लंबा पुल जो नार्थ बिहार को साऊथ बिहार से जोड़ेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बिहार में दीघा से सोनपुर जिले के बीच गंगा नदी पर 6 लेन केबल ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है।
परियोजना की कुल लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है जिसमें 2,233.81 करोड़ रुपये की सिविल निर्माण लागत शामिल है। यह पुल यातायात को तेज़ और आसान बना देगा जिसके परिणामस्वरूप राज्य, विशेषकर उत्तर बिहार का समग्र विकास होगा।
बता दें कि दीघा (पटना और गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित) और सोनपुर (सारण जिले में गंगा नदी का उत्तरी तट) वर्तमान में केवल हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए रेल सह सड़क पुल से जुड़े हुए हैं। इसलिए, वर्तमान सड़क का उपयोग माल और वस्तुओं के परिवहन के लिए नहीं किया जा सकता है, जो एक प्रमुख आर्थिक नाकाबंदी है। इस पुल को उपलब्ध कराने से दीघा और सोनपुर के बीच बाधा दूर हो जाएगी। पुल के निर्माण के बाद माल और वस्तुओं का परिवहन किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक क्षमता उजागर होगी।
यह पुल पटना से एनएच-139 के माध्यम से औरंगाबाद और सोनपुर (एनएच-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर पुराना एनएच-27), बेतिया (एनएच-727) के माध्यम से उत्तरी हिस्से में स्वर्णिम चतुर्भुज गलियारे तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह परियोजना बुद्ध सर्किट का एक हिस्सा है। यह वैशाली और केशरिया में बुद्ध स्तूप को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अलावा, NH-139W बहुत प्रसिद्ध अरेराज सोमेश्वर नाथ मंदिर और पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक) को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur)ने कहा कि मिलिंग खोपरा का एमएसपी 300 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वर्ष 2024 के लिए मिलिंग खोपरा (नारियल) के लिए एमएसपी 2023 से अधिक होगा।एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इससे मिलिंग खोपरा (तेल निकालने के लिए उपयोग होने वाला) के लिए 51.84 प्रतिशत और बॉल खोपरा (मेवा) के लिए 63.26 प्रतिशत का मार्जिन सुनिश्चित होगा, जो उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से 1.5 गुना से भी अधिक है।
पिछले 10 साल में सरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल खोपरा के लिए एमएसपी को 2014-15 में क्रमशः 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 के सत्र में 11,160 रुपये प्रति क्विंटल और 12,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। कैबिनेट ने नॉर्थ ईस्ट को भी सौगात दिया है। खोवाई से हरिना तक सड़क बनाने के काम को मंजूरी दी गई है। 25 महीने में इस काम को पूरा करने की योजना है। इस योजना का लाभ असम और त्रिपुरा के लोगों को मुख्य रूप से मिलेगा।