प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से अक्सर बातचीत करके उनका मनोबल बढ़ाते रहते हैं। इस पर उन्होंने 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोरोना संकट के कारण इस बार वर्चुअल के जरिए बातचीत करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर डरना नहीं चाहिए। परीक्षा हर साल होती है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से अक्सर बातचीत करके उनका मनोबल बढ़ाते रहते हैं। इस पर उन्होंने ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोरोना संकट के कारण इस बार वर्चुअल के जरिए बातचीत करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर डरना नहीं चाहिए। परीक्षा हर साल होती है।
छात्रों के लिए दबाव का माहौल नहीं बनाना चाहिए। बच्चों को घर में तनावमुक्त माहौल में जीना चाहिए। बता दें कि, देश भर के स्कूलों में सीनियर कक्षाओं 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए आयोजित होने वाली वार्षिक एवं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर होने वाले तनाव को लेकर प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण टिप्स दिये हैं। पीएम ने कहा कि छात्र कभी यह नहीं सोचें कि वह चीजों को भूल जाते हैं।
Involve, internalize, associate and visualize. #PPC2021 pic.twitter.com/PeP9OBvksb
— PMO India (@PMOIndia) April 7, 2021
याद करने की बजाय जीने की कोशिश करें। चीजों को सहजता और सरलता के साथ लें। क्षण में इनवोल्व हों। पढ़ाई के दौरान वहीं मन होना भी चाहिए, खेल के मैदान में नहीं। विजुअलाइज करें। पीएम ने कहा कि, जब घर से निकलें तो याद रखें कि बैग में तीसरे या पांचवें नंबर पर कौन सी किताबें रखीं हैं। जो किताब जब चाहिए, उस वक्त वही निकालें।
इससे चीजों को याद रखने का आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपने को लेकर के बैठे रहना और सपनों के लिए सोते रहना ये तो सही नहीं है।
सपनों से आगे बढ़कर, अपने सपनों को पाने का संकल्प ये बहुत महत्वपूर्ण है। वो बातें जिनसे आप पूरी तरह से जुड़ गए हैं, मग्न हो गए हैं, वो बातें जो आपका हिस्सा बन गई हैं, आपके विचार प्रवाह का हिस्सा बन गई हैं। उन्हें आप कभी भूलते नहीं हैं। दूसरे शब्दों में कहूं तो ये मेमोराइज नहीं हैं, एक्चुली ये इंटरनलाइज है।