जीवन की समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है उत्पीड़न और घरेलू हिंसा। सदियों पहले भी यह समस्या समाज में रही है।
Divorce Temple: जीवन की समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है उत्पीड़न और घरेलू हिंसा। सदियों पहले भी यह समस्या समाज में रही है। अलग- अलग समय पर इस समस्या से निपटने के लिए कुछ समाधान की ओर कार्य होता आया है। जहां दुनिया भर में देवी देवताओं के हजारों अलग अलग मंदिर है वहीं एक मंदिर ऐसा भी जहां घरेलू हिंसा और उत्पीड़न की से दुखी महिलाओं को शरण मिलती रही है। जापान में एक ऐसा अजीबोगरीब मंदिर हैं जिसे टोकीजी मंदिर कहा जाता है।इसे तलाक यानी डायवोस टेंपल भी कहा जाता है। यह मंदिर जापानी इतिहास में महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्रता के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में खड़ा है।
यह मंदिर कोई नया नहीं बल्कि 600 साल पुराना है। 600 साल पूर्व मात्सुगोका टोकेई-जी की नींव रखी गई थी। यह मंदिर जापान के मात्सुगाओका टोकेई-जी, कामकुरा शहर, कानागावा प्रांत में स्थिति है, जो कभी महिलाओं का घर हुआ करता था।
महिलाओं को इस मंदिर में शरण मिलती थी
दरअसल इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी है।आज कई सौ साल पूर्व महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं थे , और इसके साथ ही कई सामाजिक प्रतिबंध थे। उस समय यह बौद्ध मंदिर उन महिलाओं क लिए बनाया गया था, जो उत्पीड़न और घरेलू हिंसा को शिकार होती थी। ऐसी महिलाओं को इस मंदिर में शरण मिलती थी। उस समय जापान में तलाक का अधिकार नहीं होता था। इसलिए महिलाएं चुपचाप अपना घर छोड़कर इस मंदिर में आकर रहने लगती थी। धीरे धीरे यह मंदिर पीड़ित महिलाओं के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में प्रसिद्ध हो गया। इसके बाद महिलाओं के लिए आधिकारिक तलाक का कानून बनाया। उन्हें तलाक प्रमाण पत्र दिया जाने लगा। यहां के लोगों के लिए एक और तसल्ली की बात यह थी कि अक्सर इस बौद्ध मंदिर में सामान्य समाज, खासकर पुरुषों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना कई सौ साल पूर्व 1285 में की गई थी। इसकी नीं बौद्ध नन काकुसन शिदो नी ने रखी थी।