कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं।
Diwali 2023 : कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं। परंपरा के अनुसार,इस दिन घरों को दीपक से सजाया जाता है। गाय के घी का दीपक आनंद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।दिवाली को लेकर शकुन शास्त्र में भी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं।
दिवाली की रात अगर आपको उल्लू दिख जाए, तो यह बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है और दिवाली के दिन उल्लू दिखना इस बात का संकेत है कि मां लक्ष्मी आपके घर आने वाली हैं।
दिवाली की रात पूर्व दिशा से उल्लू बोलता दिखाई दे, तो इसे शुभ माना जाता है।
दिवाली के दिन सुबह-सवेरे उल्लू की वाणी सुनना बहुत लाभदायक और मंगलकारी माना जाता है।
अगर कोई गर्भवती स्त्री उल्लू को स्पर्श कर लें, तो उसकी होने वाली संतान श्रेष्ठ होती है।
अगर उल्लू किसी को अनायास छू कर गुजर जाए, तो उस व्यक्ति का जीवन आनंद से बीतता है।
लक्ष्मी का वाहन उल्लू पक्षी न होकर एक विशिष्ट क्षमता और विलक्षण दृष्टिकोण का प्रतीक है।उल्लू नकारात्मक परिस्थितियों में सकारात्मक सोच का द्योतक है।अर्थात वह तब देखने की क्षमता रखता है जब सामान्य जन को नजर नहीं आता है।
छछूंदर
वैसे तो आमतौर पर छछूंदर देखने से मन ख़राब हो जाता है। लेकिन दिवाली की रात को छछूंदर देखना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि दिवाली की रात इसको देखने से घर में धन-सम्पदा की कमी नहीं रहती है।