कर्नाटक कांग्रेस के चाणक्य और संकचमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार बडी जीत के बाद चारों तरफ चर्चा में हैं। साथ ही कर्नाटक मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के चाणक्य और संकचमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) बड़ी जीत के बाद चारों तरफ चर्चा में हैं। साथ ही कर्नाटक मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं। कर्नाटक चुनाव नतीजे आने के बाद से ही दो नाम कर्नाटक की कमान संभालने के लिए सामने आ रहे है एक डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) और दूसरे सिद्धरमैया।
दोनों ही एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे हैं। अंतिम फैसले के लिए आज रविवार की शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है इस बैठक में ही विधायक दल के नेता चुना जाएगा। फिलहाल कर्नाटक मुख्यमंत्री का ताज किसके सर सजेगा इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार है…तब तक के लिए एक नजर डालते है कांग्रेस का चाणक्य और संकचमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) पर-
कर्नाटक चुनाव में इस बार कांग्रेस राज्य अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। अपने निर्वाचन क्षेत्र कनकपुरा से उन्होंने 1 लाख 22 हजार 392 वोटों से जीत दर्ज की। 1989 के बाद से अपनी जीत की लय को बनाए रखते हुए कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख और वोक्कालिगा समुदाय के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार लगातार आठवीं बार विधानसभा चुनाव में विजय परचम लहराया है।
शिवकुमार (DK Shivakumar) की जीत का अंतर 2018 की तुलना में बहुत ज्यादा था, तब उन्होंने जेडीएस के उम्मीदवार नारायण गौड़ा को हराकर 79,909 मतों से सीट जीती थी। परिसीमन के बाद से कनकपुरा में शिवकुमार की यह लगातार चौथी जीत है। इससे पहले उन्होंने सथानूर सीट का चार बार प्रतिनिधित्व किया था।
पॉलिटिकल साईंस में किया एमए
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्हें राहुल गांधी के साथ देखा गया था।
840 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं डीके
डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) कर्नाटक कांग्रेस के सबसे अमीर नेता हैं। उनके पास 840 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। कांग्रेस पार्टी को जब भी फंड की जरूरत होती है, शिवकुमार सबसे आगे खड़े रहते हैं। वह कांग्रेस के लिए संकटमोचक के रूप में काम करते हैं। हालांकि वह सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच के दायरे में भी हैं। चुनाव से पहले वे 104 दिन जेल में भी रहे और जमानत पर बाहर हैं।
डीके शिवकुमार (DK Shivakumar), जो अपने छात्र जीवन के दौरान कांग्रेस में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। उन्होने ने पहली बार 1985 में जेडीएस के एच. डी देवेगौड़ा के खिलाफ मुकाबला किया और हार गए। बाद में, 1987 में, उन्हें सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से बेंगलुरु ग्रामीण जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुना गया।