दशहरे के दिन भगवान श्रीराम के द्वारा लंका के राजा रावण का वध किया गया था।आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर इस पर्व को मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है।
Dussehra Upay 2023 : दशहरे के दिन भगवान श्रीराम के द्वारा लंका के राजा रावण का वध किया गया था।आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर इस पर्व को मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि श्रीराम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए शिव जी ने नीलकंठ पक्षी के रूप में दर्शन दिया था। भगवान भोले शंकर को उत्तर भारत में नीलकंठ भी कहा जाता है।
इस वजह से नीलकंठ पक्षी नीलकंठ पक्षी भगवान भोलेनाथ का स्वरूप माना गया है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन होते हैं तो इसे बेहद शुभ माना जाता है।
विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन मात्र से व्यक्ति के जीवन में आने वाले अनेकों प्रकार की ग्रह और दोष खत्म हो जाते हैं
नीलकंठ पक्षी दिखने पर जपें ये मंत्र
‘कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्।
शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।।
नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद।
पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।