बीते आठ नवंबर मंगलवार को देर रात देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी ये झटके महसूस किए गए थे। देर रात लोग अपने घरों के बाहर निकल आए थे। वहीं आईआईटी कानपुर ने देश में अभी तक आए हुए भूकंप के बारे में स्टडी की है तो उसमें चौंकाने वाले कई तथ्य सामने आए हैं।
कानपुर। बीते आठ नवंबर मंगलवार को देर रात देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी ये झटके महसूस किए गए थे। देर रात लोग अपने घरों के बाहर निकल आए थे। वहीं आईआईटी कानपुर ने देश में अभी तक आए हुए भूकंप के बारे में स्टडी की है तो उसमें चौंकाने वाले कई तथ्य सामने आए हैं।
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर जावेद मलिक का कहना है कि कानपुर, लखनऊ समेत आसपास के तराई इलाकों में अभी भी भूकंप आने की आशंका है। कई बार यहां पर भूकंप आए हैं इसके भी अवशेष मिले हैं।
कानपुर जोन 3 में है
भूकंप की दृष्टि से देश को चार जोनों (2,3,4,5) में बांटा गया है, जिसमें जोन 5 में हिमालय का क्षेत्र है, यह सर्वाधिक संवेदनशील है। यहां पर भूकंप के झटके ज्यादा महसूस किए जाते हैं। जोन 4 में तराई का क्षेत्र आता है, जबकि जोन 3 में कानपुर लखनऊ समेत आसपास के इलाके आते हैं। जोन 2 को एक हद तक सुरक्षित माना जाता है।
कानपुर नहीं होगा एपी सेंटर
कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके जरूर महसूस किए जाते हैं, लेकिन प्रोफेसर जावेद मलिक ने बताया कि कानपुर में कभी भूकंप का सेंटर नहीं होगा। यहां पर सिर्फ भूकंप का असर देखने को मिलेगा। कभी सीधे कानपुर या आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का एपी सेंटर नहीं होगा।
पुराने भूकंप के ऊपर की स्टडी
आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के प्रो. जावेद एन मलिक ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने 1505 और 1803 में आए भूकंप का भी अध्ययन किया है। 1505 के भूकंप की बात की जाए तो इस भूकंप की तीव्रता 8 और 8.5 के बीच रही होगी यह अनुमान लगाया गया है। वहीं 1803 का भूकंप 7.5 से 8 के बीच का माना जा रहा है। जब यह भूकंप आए थे तो इसका असर कानपुर में भी हुआ था। कानपुर में भी अधिक तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। ऐसे में भविष्य में भी कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के आने की प्रबल आशंकाएं हैं।
नोएडा बना कंक्रीट जंगल
प्रो. मलिक ने बताया कि जिस प्रकार से भूकंप से नुकसान देखने को मिलता है। उसको देखते हुए हमें अभी से अपनी तैयारियां करके रखनी चाहिए, क्योंकि भूकंप को कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन हमें बचाव के रास्ते हमेशा ढूंढते रहने चाहिए। इसलिए घर, मकान, बिल्डिंग ,अपार्टमेंट बनाने के दौरान ध्यान से भूकंप रोधी ही बनवाने चाहिए।
उन्होंने नोएडा में बनी बिल्डिंगों पर भी कहा कि नोएडा एक कंक्रीट का जंगल बन गया है। मानकों को ताक पर रखकर बिल्डिंगों का निर्माण हुआ है। ऐसे में अगर जब भी कोई अधिक तीव्रता का भूकंप आएगा तो वह उन क्षेत्रों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।