भोपाल। सूबे के स्कूली शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह स्वीकार किया है कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है और इसके लिए राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को सुदृढ़ करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाये। शिक्षकों को आधुनिक तकनीक से निरंतर अपडेट रखा जाये।
उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे नये शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की नामांकन दर को बढ़ाने के लिये समाज के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाये। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह मंत्रालय में नई शिक्षा नीति-2020 की टॉस्क फोर्स समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में टॉस्क फोर्स के सदस्यों ने विभिन्न विषयों से जुड़े सुझाव दिये।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में शैक्षणिक कार्य से लगे शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्यों का भार कम किया जाये। शिक्षक शालाओं में उपलब्ध संसाधनों का शत-प्रतिशत उपयोग करें, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में विद्यार्थियों की नामांकन दर को बढ़ाने के लिये प्राध्यापकों को जिम्मेदारी दी गयी है। वे उत्तीर्ण विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिये स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) देने के बाद उनके पुन: प्रवेश की प्रक्रिया को भी सुनिश्चित करेंगे। शिक्षा विभाग का मैदानी अमला शालावार इसकी समीक्षा करना सुनिश्चित करे। बैठक में विद्यार्थियों को प्रारंभिक स्तर पर योग की शिक्षा देने का भी सुझाव दिया गया।
ड्रॉप आउट कम करना और शिक्षा की सार्वभौमिक पहुँच
विद्यार्थियों के लिये ऑनलाइन ट्रेकिंग की व्यवस्था की गयी है। इस वर्ष छात्रवृत्ति, गणवेश, साइकिल की व्यवस्था शैक्षिक सत्र के साथ हो, इसके लिये विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल ने बताया कि प्रदेश में इस शैक्षणिक सत्र में बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें अप्रैल माह में ही उपलब्ध करा दी जायेंगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 3471 हाई स्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अत्याधुनिक आईसीटी लैब तैयार की गयी है। हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल के 44 हजार शिक्षकों को टेबलेट के लिये राशि उपलब्ध करायी जा चुकी है।