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विद्युत कर्मचारी ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग, आपसी संवाद से ही समस्याओं का निदान होगा: एके शर्मा

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि, हड़ताल के दौरान दुष्साहस ऐसा रहा कि विद्युत व्यवधान के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और यहां तक कि मा0 उच्च न्यायालय में इस संबंध में पीआईएल दाखिल करने वाले वकील के घर की भी बिजली काटी गई। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्युत कर्मियों की मृत्यु, विद्युत दुर्घटनाओं में हो रही, जो कि काफी पीड़ादायक है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत कर्मचारियों को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताया है। उन्होंने कहा कि परिवार के उत्सव में परिवार के मुखिया के रूप में ऊर्जा मंत्री का शामिल होना जरूरी था। इस मौके पर उन्होंने विद्युत मजदूर पंचायत सम्मेलन में विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने का दिया आश्वासन। ऊर्जा मंत्री ने उच्च न्यायालय एवं प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णयों के आधार पर ही हड़ताल के दौरान चिन्हित विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने को कहा। साथ ही कहा कि, सभी विद्युत कर्मी ऊर्जा परिवार के अभिन्न अंग हैं। आपसी संवाद से ही समस्याओं का निदान होगा। सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करें।

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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि, विद्युत कर्मियों की जायज व सार्थक मांगों पर सरकार विचार करेगी और उनके कार्यों से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा। कोई भी विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करे और जनजीवन को प्रभावित न होने दे। विद्युत व्यवधान करके जनता को बेवजह परेशान करना महापाप है। ऐसा घोर पाप न करें। एके शर्मा ने कहा कि, विद्युत आपूर्ति जीवन का आधार बन गई है एवं हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। विद्युत व्यवधान किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं।

उन्होंने कहा कि, जिस डाल पर बैठे हो, उसी डाल को कटोगे, तो कभी भी सुखी नहीं रहोगे। विद्युत विभाग के ऊपर 82 हजार करोड़ रुपये का लोन है और 01 लाख करोड़ रुपये का घाटे में है। ऐसे में ऋण लेकर घी पीना विद्युत कर्मियों की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। विभाग घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि, विद्युत विभाग को लाभ की श्रेणी में लायें और अपनी जायज व सार्थक मांगों के समाधान के लिए संवाद का रास्ता अपनायें। विद्युत आपूर्ति बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा, भविष्य में कभी भी विद्युत व्यवधान करने का दुष्साहस न किया जाये, यही अपील है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि, हड़ताल के दौरान दुष्साहस ऐसा रहा कि विद्युत व्यवधान के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और यहां तक कि मा0 उच्च न्यायालय में इस संबंध में पीआईएल दाखिल करने वाले वकील के घर की भी बिजली काटी गई। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्युत कर्मियों की मृत्यु, विद्युत दुर्घटनाओं में हो रही, जो कि काफी पीड़ादायक है। नई तकनीक का सहारा लेकर इस आकस्मिक मृत्यु को रोकने की समस्या का समाधान किये जाने के प्रयास हों।

इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री ने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये कार्यों व परिश्रम की सराहना की गईं और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाइयां 08 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रहीं। विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी। राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है।

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