Entry of terrorists banned in mosques of Pakistan: आतंकवादियों के गढ़ पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। अब पाकिस्तान की मस्जिदों में आतंकवादी नहीं पढ़ सकेंगे और उन्हें घर पर ही सलातुल-फज्र करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा वह निकाह पार्टियों में भी शिरकत नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अपने आकाओं के इस फरमान से आतंकवादियों में निराशा है।
Entry of terrorists banned in mosques of Pakistan: आतंकवादियों के गढ़ पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। अब पाकिस्तान की मस्जिदों में आतंकवादी नहीं पढ़ सकेंगे और उन्हें घर पर ही सलातुल-फज्र करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा वह निकाह पार्टियों में भी शिरकत नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अपने आकाओं के इस फरमान से आतंकवादियों में निराशा है।
दरअसल, पिछले सात महीनों में पाकिस्तान में कई मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की हत्या कर दी गयी है। जिन्हें अज्ञात बंदूकधारी हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद आतंकवादियों के आका घबराए हुए हैं। इसलिए आतंकवादी संगठनों ने अपने प्रमुख आतंकवादियों के मस्जिदों में नमाज अदा करने पर भी रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है।उनसे कहा गया है कि वह किसी भी मस्जिद में किसी भी समय नमाज अदा करने ना जाए क्योंकि मस्जिद में भी अज्ञात बंदूकधारी उन्हें अपना निशाना बना रहा है। साथ ही सुबह की नमाज भी अपने घर पर ही अदा करने का फरमान जारी किया गया है। अगले निर्देश तक वह किसी भी निकाह पार्टी आदि में भी ना जाए क्योंकि वहां भी उन्हें खतरा पैदा हो सकता है।
बता दें कि पिछले सात महीनों में पाकिस्तान में सात मोस्ट वांटेड आतंकवादी मारे गए हैं। जिसमें आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का जिया-उर रहमान, लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के करीबी मुफ्ती कैसर फारूक, मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी शाहिद लतीफ, ख्वाजा शाहिद, लश्कर कमांडर अकरम खान गाजी और रहीम उल्लाह तारिक का नाम शामिल है।