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Falgun Purnima 2025 : फाल्गुन पूर्णिमा पर करें ये रामबाण उपाय, सुख शांति व समृद्धि सदा बनी रहती है

सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Falgun Purnima 2025 : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पूरे भारत में इसे पूनम, पूर्णिमा और पूर्णमासी आदि के नाम से मनाया जाता है। इस पवित्र दिन अधिकांश भक्त व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग में हर महीने के आखिरी दिन को पूर्णिमा कहा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पितृदोष समाप्त हो जाता है और घर में सुख शांति व समृद्धि सदा बनी रहती है।

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हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगी। वहीं इस तिथि का समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च 2025 को रखा जाएगा।

चौमुखी दीपक जलाएं
ज्योतिष अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन शाम के वक्त घर की दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाएं। इसके बाद पितृ स्तोत्र का पाठ जरूर करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

भोजन का दान
फाल्गुन पूर्णिमा पर भोजन का दान करना भी उत्तम बताया गया है इसके अलावा किसी गाय, कुत्ते या कौवे को रोटी खिलानी चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और सुख समृद्धि घर आती है।

कच्चा दूध में सफेद पुष्प मिलाकर
पूर्णिमा के दिन गंगा के अलावा किसी और पवित्र नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। फाल्गुन पूर्णिमा की रात चंद्र देव को कच्चा दूध में सफेद पुष्प मिलाकर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष दूर हो जाता है और पूर्वजों की कृपा बरसती है।

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