यूपी के सभी जिला अस्पताल समेत शहर के सभी प्राइवेट ब्लड बैंक में आने वाले दिनों में अब खून का संकट आने की आशंका है। इसी प्रमुख वजह बन रही है कोविड वैक्सीनेशन। बता दें कि कोरोना का टीका लगवाने के 90 दिन तक रक्तदान नहीं किया जा सकता। देश में इस समय 18 वर्ष से अधिक आायुवर्ग का कोविड वैक्सीनेशन भी चल रहा है
लखनऊ। यूपी के सभी जिला अस्पताल समेत शहर के सभी प्राइवेट ब्लड बैंक में आने वाले दिनों में अब खून का संकट आने की आशंका है। इसी प्रमुख वजह बन रही है कोविड वैक्सीनेशन। बता दें कि कोरोना का टीका लगवाने के 90 दिन तक रक्तदान नहीं किया जा सकता। देश में इस समय 18 वर्ष से अधिक आायुवर्ग का कोविड वैक्सीनेशन भी चल रहा है और इसके चलते आशंका है कि आने वाले 90 दिन तक जरूरतमंद मरीजों के सामने खून की कमी की परेशानी होने जा रही है।
कोविड वैक्सीनेशन की पहली और दूसरी डोज के बीच में 4 से 8 सप्ताह का अंतराल होना जरूरी है। कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज तो 6 से 8 सप्ताह में लगाई जा रही है। दूसरी डोज लगने के बाद 4 सप्ताह बाद ही कोई व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। इस तरह किसी ने अगर कोरोना का पहला टीका 4 मई को लगवाया तो कम से कम 90 दिन बाद यानि 4 अगस्त के बाद ही वह ब्लड डोनेट कर सकता है। जिस तेजी से कोविड वैक्सीनेशन हो रहा है और रोजाना 5 से 8 हजार लोग टीका लगवा रहे हैं, मई माह में वैक्सीन की पहली डोज लगवाने वाले युवाओं की संख्या 1 लाख के करीब होगी। यही आयुवर्ग है जो 80 प्रतिशत रक्तदान करता है। जाहिर सी बात है कि कोविड वैक्सीनेशन शुरू होने का सीधा असर ब्लड डोनेशन पर पड़ने जा रहा है।
कई संस्थाओं से ब्लड डोनेशन की अपील
ब्लड बैंक संचालकों ने आने वाले दिनों में खून की कमी होने का खतरा भांप लिया है। यही वजह है कि कई ब्लड बैंक से अपील भी जारी की जा रही है कि पहले ब्लड डोनेशन करें फिर कोविड वैक्सीनेशन कराएं। कोविड का टीका लगवाने के बाद कम से कम 90 दिन तक ब्लड डोनेट नहीं कर पाएंगे। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डा. यूवी सिंह ने कई संस्थाओं से संपर्क किया है और उनसे अपील की है कि पहले रक्तदान करें और उसके बाद ही कोरोना का टीका लगवाएं जिससे भविष्य में खून की कमी की परेशानी न सामने आए।
5 यूनिट निगेटिव ब्लड
बरेली जिला अस्पताल के ब्लड बैंक यूनिट में महज 5 यूनिट निगेटिव ब्लड बचा है। ब्लड बैंक में कुल 64 यूनिट ब्लड है। आम दिनों मेंं यहां 170 यूनिट खून रहता है लेकिन इस समय रक्तदान कम होने की वजह से खून की कमी है। आने वाले दिनों में निगेटिव ब्लड ग्रुप की कमी से संकट पैदा हो सकता है।
वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के कम से कम 28 दिन तक खून नहीं दे सकते। ऐसे में जो भी लोग स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं, वैक्सीनेशन से पहले ब्लड डोनेशन जरूर करें। वैक्सीन से खुद को सुरक्षित करें और रक्तदान कर दूसरों की जान बचाएं।
डा. अतुल अग्रवाल, संक्रामक रोग चैप्टर के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष