प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को विद्या हर्ता भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में होने वाले सभी पूजा में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि को गणेश जयंती मनाते हैं।
Ganesh Jayanti 2022: प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को विद्या हर्ता भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में होने वाले सभी पूजा में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि को गणेश जयंती मनाते हैं। इस साल माघ शुक्ल चतुर्थी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04:38 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 05 फरवरी को सुबह 03:47 बजे तक मान्य होगी। ऐसे में गणेश जयंती 04 फरवरी को है।
विधि-विधान से इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन मंदिर में मंत्र उच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। आइए जानते हैं गौरी गणेश के पूजन के समय किन मंत्रों का जाप कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
गणेश चतुर्थी के मंत्र
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं। विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥