भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की पूजा अर्चना से कार्य सिद्ध होता है।
Ganesh Yantra Ki Pooja : भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी की पूजा अर्चना से कार्य सिद्ध होता है। गणेश भगवान को विनायक भी कहा जाता है। बुद्धि, शास्त्रार्थ और प्रतियोगिता में विजय प्राप्त करने के लिए गणेश यंत्र की पूजा की जाती है। असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, संकट से उद्धार पाने और नवग्रहों के दोष से मुक्ति के लिए साधना की जा सकती है। गणेश यंत्र सबसे महत्वपूर्ण, शुभ और शक्तिशाली यंत्र होता है जो न केवल लाभ देता है तथा व्यक्ति के लिए शुभ फलदायक होता है।
श्रीगणेश यंत्र की स्थापना ईशाण कोण में करें। यंत्र की स्थापना इस प्रकार करें कि यंत्र का मुख पश्चिम की ओर रहे। गणेश यंत्र पर दुर्वा व ताजे फूल चढ़ाएं स्थापना स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें तथा स्थापना के पश्चात यंत्र को इधर-उधर न रखेंं । प्रतिदिन मूलमन्त्र ॐ गं गणपतयै नम: से तर्पण करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है
1. गणेश यंत्र की स्थापना करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
2. हाथी को चारा खिलाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं।
3. चूहे को अनाज खिलाना भी शुभ माना गया है। ऐसे में यदि संभव हो तो मूषक को भोजन दें।
4. जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और अनाज आदि का दान देने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और विघ्नों को दूर करते हैं।