जौ को पूजा के अलावा औषधि के रूप में प्रयोग किया है। जौ को संस्कृत भाषा में यव कहते है और अंग्रेजी में बार्ली (Barley) के नाम से जाना जाता है।
Garmiyon mein Jau Ka Pani : जौ को पूजा के अलावा औषधि के रूप में प्रयोग किया है। जौ को संस्कृत भाषा में यव कहते है और अंग्रेजी में बार्ली (Barley) के नाम से जाना जाता है। जौ का उत्पादन भारत में ही नहीं बल्कि रूस व अन्य देशो में किया जाता है। जौ में भी कई किस्म होती है जिसमे फ्लेक्स, हुल्ड, पर्ल बारले, जौ का आटा, ग्रिट्स आदि है। जौ के आटे की रोटियां ही नहीं, बल्कि इसे उबालकर बनाया गया जौ का पानी भी आपको कई स्वास्थ्य लाभ देता है। जौ का पानी आप दिनभर में कभी भी पी सकते हैं लेकिन सुबह के समय इसका सेवन अधिक फायदेमंद होता है। यूं तो अधिकतम दो दिनों तक जौ का पानी स्टोर किया जा सकता है लेकिन बेहतर होगा कि आप ताजा बनाया हुआ जौ का पानी ही पिएं।
1.इसलिए जौ का पानी या फिर चाय गर्मियों में दो बार जरूर लें। इसमें फाइबर और कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। पेट की 2.जलन आदि में भी इससे निजात मिल सकती है।
3.जौ का पानी दिल स्वस्थ रखता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम किया जा सकता है।
4.किडनी में पथरी है तो रोज एक गिलास जौ का पानी पीने से पथरी शरीर से बाहर निकल जाती है।
5.इसे पीने से आंतें साफ रहती हैं और कब्ज की दिक्कत दूर होती है। यह हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
6.गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पैरों में सूजन आ जाती है, ऐसे में जौ का पानी सूजन घटाता है।
7.शरीर में फाइबर की कमी है तो रोज एक गिलास जौ का पानी पी सकते हैं।
8.फायबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह पेट के लिए खास फायदेमंद है। रोजाना जौ का पानी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।