सनातन धर्म में प्राचीन ग्रंथ् गरुड़ पुराण जीवन के समस्त पहलुओं पर मार्गदर्शन करता है। ग्रंथ् गरुड़ पुराण जीव की जीवन यात्रा पर प्रकाश ड़ालता है। इस ग्रंथ के माध्यम से मृत्युलोक और परलोक के तारतम्य को ठीक ढंग से समझा जा सकता है।
Garuda Purana: सनातन धर्म में प्राचीन ग्रंथ् गरुड़ पुराण जीवन के समस्त पहलुओं पर मार्गदर्शन करता है। ग्रंथ् गरुड़ पुराण जीव की जीवन यात्रा पर प्रकाश ड़ालता है। इस ग्रंथ के माध्यम से मृत्युलोक और परलोक के तारतम्य को ठीक ढंग से समझा जा सकता है। परलोक और कर्म के बारे में भी इस ग्रंथ में बहुत बारीकी से वर्णन किय गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,इस ग्रंथ को व्यक्ति के मरणोपरांत पढ़ा जाता है। मृत व्यक्ति की आत्मा की शान्ति के लिए उसके परिजनों को क्या करना चाहिए इस ग्रंथ में विधिवत लिखा गया है। गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्म का लेखा-जोखा बताया गया है जिससे मनुष्य के पाप और पुण्य निर्धारित होते हैं। इतना ही नहीं, इस पुराण में दी गई यह भी जानकारी दी गई है कि मरने के बाद मनुष्य अगले जन्म में महिला बनेगा या पुरुष? या फिर मनुष्य योनी से निकलकर उसे किसी कीड़े-मकौड़े की जिंदगी मिलेगी।
1.गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि कोई पुरुष महिला की तरह व्यवहार करता है तो उस पुरुष की आत्मा अगले जन्म में महिला का रूप लेती है।
2.जो व्यक्ति अपने किसी दोस्त को धोखा देता है या ठगता है तो अगले जन्म में वह पहाड़ों पर रहने वाला गिद्ध बनता है।
3.यदि कोई व्यक्ति धर्म का पालन नहीं करता और धर्म का विरोध करता है तो वह व्यक्ति अगले जन्म में कुत्ता या गधा बनता है।
4.अगर कोई पुरुष किसी महिला की हत्या करता है तो वह अगले जन्म में कोढ़ी बनकर पैदा होता है।
5.जो व्यक्ति किसी दूसरे की पत्नी के साथ संबंध रखता है वह नरक में जाता है और उसे भेड़िया, कुत्ता, गिद्ध, सियार, सांप या कौआ की योनि प्राप्त होती है।
6.विवाह के उपरान्त दूसरे पुरुष से संबंध रखने वाली महिलाएं अगले जन्म में चमगादड़ की योनि में पैदा होती हैं।