अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार को स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में बहुप्रतीक्षित शिखर वार्ता शुरू हो गई है। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि अमेरिका और रूस के संबंध पहले कभी इतने खराब नहीं रहे। पिछले चार महीनों से दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है। वहीं, दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक पर दुनियाभर की निगाहें टिकीं हुई हैं।
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार को स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में बहुप्रतीक्षित शिखर वार्ता शुरू हो गई है। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि अमेरिका और रूस के संबंध पहले कभी इतने खराब नहीं रहे। पिछले चार महीनों से दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है। वहीं, दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक पर दुनियाभर की निगाहें टिकीं हुई हैं।
जो बाइडेन ने अमेरिकी हितों पर रूस समर्थित हैकरों के साइबर हमलों को लेकर पुतिन की कई बार आलोचना कर चुके हैं, जबकि पुतिन का कहना है कि उनके देश ने न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया और न ही किसी प्रकार के साइबर हमले किए। दोनों नेता अब पहली बार आमने-सामने मुलाकात कर रहे हैं। दोनों पक्षों को इस बैठक से कोई खास उम्मीद नहीं है। बाइडन का कहना है कि यदि दोनों देश अपने संबंधों में अंतत: स्थिरता ला पाते हैं, तो यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
पहले, बाइडेन और पुतिन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक अपेक्षाकृत अंतरंग बैठक करेंगे। प्रत्येक पक्ष के साथ एक-एक अनुवादक होगा। इसके बाद दोनों पक्षों के पांच-पांच वरिष्ठ सहयोगी बैठक में शामिल होंगे। बैठक के दौरान बाइडन अमेरिकी चुनाव में कथित रूसी साइबर हमले समेत मानवाधिकार के मुद्दों को उठा सकते हैं। इसके साथ ही वह दोनों देशों के बीच सहयोग वाले क्षेत्रों पर भी चर्चा कर सकते हैं।